28 दिसंबर लखनऊ निकाय चुनाव पर उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए सरकार ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर आयोग का गठन कर दिया है 5 सदस्य आयोग को उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के आदेश के तुरंत बाद अगली कैबिनेट मीटिंग में प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दे दी आयोग के अध्यक्ष के तौर पर राम अवतार सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है जबकि चार अन्य सदस्य होंगे जिसमें की सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जॉब सिंह वर्मा सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी महेंद्र कुमार तथा पूर्व अपर विधि प्राइवेसी संतोष कुमार विश्वकर्मा व जिला जज बृजेश कुमार सोनी को सदस्य नियुक्त किया गया है
चुनाव में ओबीसी की आरक्षण को लेकर 27 दिसंबर के हाईकोर्ट के फैसले में कहा गया था कि ट्रिपल टेस्ट के आधार पर निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण दिया जाना चाहिए जबकि ऐसा न कर पाने की स्थिति में आरक्षण की सभी सीटों को सामान्य श्रेणी का मानते हुए व्यवस्था लागू करके चुनाव संपन्न कराना चाहिए जिसको सरकार की तरफ से नकार दिया गया था और कहा गया था की ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं करेगा और जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट जाने की भी बात कही गई थी
इससे पूर्व न्यायालय में हुई पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि दोनो पक्षों की सुनवाई आज पूरी हो गई है, 27 दिसम्बर मंगलवार को कोर्ट अपना जजमेंट देगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने अपने हलफनामे में अपने एक्शन को डिफेंड किया कि जो हमने नोटिफिकेशन जारी किया है वो बिल्कुल सही तरीके से जारी किया है। लेकिन कोर्ट उनसे बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं थी। उन्होंने बताया कि कोर्ट का कहना है कि आपने जो ये एक्सरसाइज की है उसका कोई डाटा नहीं है। बिना डाटा के ये एक्सरसाइज पूरी कैसे कर ली है। कोर्ट उनसे डाटा मांग रही थी लेकिन सरकार ने कोर्ट के समक्ष कोई डाटा प्रस्तुत नही किया है।
उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान पिछले चुनाव का हवाला दिया गया था साथ ही कहा गया कि 2014 और 2017 के चुनाव में भी बहुत सारे नियमों का उल्लंघन हुआ था। इसको लेकर न्यायालय में बहुत से प्रकरण भी आये थे। उन्होंने कहा कि उसी डाटा के आधार पर ये चुनाव भी कराने का प्रयास कर रहे हैं। इसी वजह से न्यायालय में चुनौती द
बता दें, यूपी में निकाय चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी तैयारियों में जुटी है। इस बार प्रदेश की करीब 760 नगरीय निकायों में चुनाव होना है। इसके लिए राज्य सरकार ने सीटों का आरक्षण भी जारी कर दिया है। प्रदेश की नगर निगमों के मेयर, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के अध्यक्ष और पार्षदों के आरक्षण को इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसको लेकर पेंच फंस गया था। वहीं ओबीसी को उचित आरक्षण का लाभ दिए जाने और सीटों के रोटेशन के मुद्दों को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर कोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था अब 27 दिसंबर के फैसले में हाई कोर्ट ने जो आदेश दिया था उस पर अमल करते हुए प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग गठित कर दिया है