मरीज हित में हो रहीं कार्रवाई, नहीं बख्शे जाएंगे दोषी: ब्रजेश पाठक
सदन में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विपक्ष को दिया करार जवाब
लखनऊ। 2 मार्च
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में अहम कदम उठाये जा रहे हैं। लगातार अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा है। हम मरीजों की चिंता कर रहे हैं। उन्हें जांच, डॉक्टर की सलाह व दवा मुहैया कराने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। इससे पहले की सरकार को मरीजों से कोई सरोकार नहीं था। विपक्षी बेवजह की बयानबाजी कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को सदन में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विपक्ष को करार जवाब दिया।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अस्पतालों में कौन दवा सप्लाई कर रहा है? कौन मशीनें लगा रहा है? बेड, चादर व बिल्डिंग निर्माण कौन करा रहा है? इससे हमारा कोई संबंध नहीं है। यह काम हमारे अधिकारियों का है। अधिकारी इन जिम्मेदारों को निभा रहे हैं। हम मरीजों के हितों में काम कर रहे हैं। व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। कमी मिलने पर कार्रवाई भी कर रहे हैं।
*पारदर्शी हुई व्यवस्था*
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक सरकारी अस्पताल व मेडिकल संस्थानों में खराब होने वाली मशीनों का कोई ब्यौरा नहीं होता है। सरकार ने एप तैयार कराया। इसमें खराब होने वाली मशीनों का ब्यौरा दर्ज करना होता है। उसके बाद जिम्मेदार मशीन को दुरुस्त कराते हैं। इसमें लेटलतीफी होने पर कार्रवाई तक हो रही है। जुर्माना भी ठोंका जा रहा है। इस व्यवस्था में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।
*गर्भवती महिलाओं की जांच आसान*
ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा दुरुस्त की गई है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइवेट डायग्नोसिस्ट सेंटरों से करार किया गया है। ई वाउचर के माध्यम से प्राइवेट सेंटरों में गर्भवती महिलाएं जांच करा रही हैं। इससे मातृ शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में कमी लाने में मदद मिलेगी।
सपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं हाशिए पर थीं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सदन के वरिष्ठ सदस्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक रुपये का बजट देने की बात कर रहे हैं। यह प्रदेश की जनता के साथ बड़ा मजाक है। कानपुर के कॉर्डियोलॉजी सेंटर, मेरठ, बांदा समेत दूसरे जिलों के अस्पतालों को और बेहतर किया जा रहा है। पर्याप्त बजट भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के प्रति मरीजों का भरोसा बढ़ा है। रोज डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज ओपीडी में आ रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक सरकारी अस्पताल व मेडिकल संस्थानों में खराब होने वाली मशीनों का कोई ब्यौरा नहीं होता है। सरकार ने एप तैयार कराया। इसमें खराब होने वाली मशीनों का ब्यौरा दर्ज करना होता है। उसके बाद जिम्मेदार मशीन को दुरुस्त कराते हैं। इसमें लेटलतीफी होने पर कार्रवाई तक हो रही है। जुर्माना भी ठोंका जा रहा है। इस व्यवस्था में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।
*गर्भवती महिलाओं की जांच आसान*
ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा दुरुस्त की गई है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइवेट डायग्नोसिस्ट सेंटरों से करार किया गया है। ई वाउचर के माध्यम से प्राइवेट सेंटरों में गर्भवती महिलाएं जांच करा रही हैं। इससे मातृ शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में कमी लाने में मदद मिलेगी।
सपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं हाशिए पर थीं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सदन के वरिष्ठ सदस्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक रुपये का बजट देने की बात कर रहे हैं। यह प्रदेश की जनता के साथ बड़ा मजाक है। कानपुर के कॉर्डियोलॉजी सेंटर, मेरठ, बांदा समेत दूसरे जिलों के अस्पतालों को और बेहतर किया जा रहा है। पर्याप्त बजट भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के प्रति मरीजों का भरोसा बढ़ा है। रोज डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज ओपीडी में आ रहे हैं।