नई दिल्ली राजधानी में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस वजह से अप्रैल के पहले सप्ताह में कोरोना के तीन हजार से अधिक मामले आ चुके हैं।
इसका कारण ओमिक्रोन के नए सब-वैरिएंट एक्सबीबी.1.16 का संक्रमण है। जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दिल्ली में इन दिनों कोरोना संक्रमित करीब 98 प्रतिशत लोगों में ओमिक्रोन के इस सब-वैरिएंट का संक्रमण देखा जा रहा है।
300 मरीजों की हुई जीनोम सिक्वेंसिंग
यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने कहा कि आइएलबीएस में एक सप्ताह में करीब 300 मरीजों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई है, जिसमें 98 प्रतिशत मरीजों में एक्सबीबी.1.16 का संक्रमण पाया गया है। यह दो से तीन गुना अधिक संक्रामक है। इसलिए कोरोना से बचाव के लिए एक बार फिर मास्क पहनना शुरू करने की जरूरत है।
खास तौर पर ट्रेन, मेट्रो, बसों व बाजारों में जाते वक्त लोगों को मास्क पहनकर निकलना चाहिए। संक्रमण होने पर 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों, किडनी, दिल की बीमारियों, कैंसर, मधुमेह, हाइपरटेंशन इत्यादि पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को परेशानी अधिक हो सकती है। इसलिए उन्हें अभी विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। जिन लोगों ने दो डोज टीके के साथ-साथ सतर्कता डोज ले ली है उन्हें गंभीर बीमारी होने का खतरा कम होगा। इसलिए जिन लोगों ने अब तक सतर्कता डोज नहीं ली है, उन्हें सतर्कता डोज ले लेना चाहिए।
कोरोना की जांच बढ़ाने का निर्देश
दिल्ली में एक सप्ताह में कोरोना के 3507 मामले आए। इस दौरान 1653 मरीज ठीक हुए हैं और आठ मरीजों की मौत हुई है। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों व डिस्पेंसरियों को बीमारियों के लक्षण वाले मरीजों की जांच बढ़ाने का निर्देश दिया है। लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि जो मरीज बुखार, खांसी व सांस की परेशानी के साथ पहुंच रहे हैं उनकी कोरोना की जांच शुरू कर दी गई है।
अभी अस्पताल में कोरोना संक्रमित 12 मरीज भर्ती हैं, उन्हें पहले से किडनी, कैंसर, सांस इत्यादि की बीमारी है। सिर्फ कोरोना के संक्रमण के कारण किसी मरीज को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है। इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।