नई दिल्ली 11 अप्रैल केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतामरण ने भारत में मुस्लिमों की स्थिति पर पश्चिम देशों को खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने नकारात्मक पश्चिमी धारणा का जवाब देते हुए कहा भारत में रहने वाले मुस्लिम समाज की स्थिति पाकिस्तान में रहने वाले मुस्लिमों से बेहतर है।सीतारमण रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की बैठकों में भाग लेने और जी20 के तहत दूसरी वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए वाशिंगटन पहुंचीं थीं।
सोमवार को पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स (PIIE) में भारत में निवेश और पूंजी प्रवाह को प्रभावित करने वाली धारणाओं पर सीतारमण ने कहा, मुझे लगता है कि इसका उत्तर उन निवेशकों के पास है जो भारत आ रहे हैं। एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो निवेश प्राप्त करने में रुचि रखता है, मैं केवल यह कहूंगी कि भारत में क्या हो रहा है, यह देखने के लिए आपको भारत आना चाहिए, न कि उन लोगों की धारणाओं को सुनना चाहिए जो जमीनी हकीकत नहीं जानते हैं और सिर्फ रिपोर्ट तैयार करते हैं।
भारत में दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम
पीआईआईई के अध्यक्ष एडम एस पोसेन को जवाब देते हुए वित्तमंत्री ने कहा, दुनिया में भारत में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है और उनकी जनसंख्या केवल संख्या में बढ़ रही है। यदि यह धारणा है कि उनका जीवन कठिन बना दिया गया है। मैं पूछती हूं कि अगर ऐसा है तो क्या यह कहना सही होगा कि भारत में 947 की तुलना मुस्लिम आबादी बढ़ रही है।
निर्मला सीतारमण ने इस दौरान पाकिस्तान को भी खूब खरीखोटी सुनाई। उन्होंने कहा, खुद को एक इस्लामिक देश घोषित करने के बावजूद पाकिस्तान अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहा। पाकिस्तान में हर अल्पसंख्यक समूह की संख्या में कमी आई है और यहां तक कि कुछ मुस्लिम संप्रदायों का भी सफाया हो गया है। उन्होंने कहा, मुहाजिरों, शिया और हर दूसरे समूह के खिलाफ हिंसा होती है। जबकि भारत में आप पाएंगे कि मुसलमानों का हर वर्ग अपना व्यवसाय कर रहा है, उनके बच्चे शिक्षित हो रहे हैं।