October 23, 2024 |

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जिस नाटकीय ढंग से हत्या को अंजाम देता था उसी नाटकीय ढंग से उनका भी अंत हुआ

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प्रयागराज: संगम नगरी में खून की नदियां बहा कर ताकतवर बनने वाला माफिया अतीक अहमद और साय की तरीके से उसके साथ रहने वाले भाई अशरफ का खेल शनिवार रात उसी तरह शांत हो गय जिस प्रकार उन्होंने राजू पाल एवं उमेश पाल की हत्या को अंजाम दिया था बड़े ही नाटकीय ढंग से पत्रकार कर्मी बनकर तीन हमलावरों ने पुलिस की मौजूदगी में अतीक अहमद एवं अशरफ पर जानलेवा हमला कर दिया जब दोनों मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल जा रहे थे

उसके साथ खत्म हो गया, उसका 44 साल का आतंक. साए की तरह साथ रहने वाला भाई अशरफ भी गोली का शिकार हो गया. घात लगाकर बैठे तीन हमलावरों ने पुलिस कस्टडी के बीच घुसकर प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के पास की सड़क खून से लाल कर दी. दनादन 14 राउंड फायरिंग कर दोनों भाइयों को मार डाला. दोनों भाइयों की मौत, उनके भूतकाल को वर्तमान में दोहराती हुई नजर आई

दरअसल, 49 दिन पहले यानी 24 फरवरी को राजू हत्याकांड के गवाह अधिवक्ता उमेश पाल की दिन दहाड़े पुलिस की मौजूदगी में मरवा दिया गया था. उमेश की हत्या ठीक उसी पैटर्न में की गई, जिस तरह 18 साल पहले यानी 2005 में राजू को मौत के घाट उतारा गया था. दोनों हत्याकांड में अतीक का नाम गूंजा. उमेश की मौत, राजू की हत्या को दोहाती थी, लेकिन अब दोनों की मौत अतीक-अशरफ के वर्तमान की पिक्चर बनकर सामने आई है

25 जनवरी 2005 जब इलाहाबाद (वर्तमान में प्रयागराज) में गणतंत्र दिवस की तैयारियों में पुलिस और सभी आला अफसर तैनात थे. तभी बीएसपी के टिकट से विधायक बने राजू पाल गांव के ही एक छात्र की हत्या के संबंध में एसआरएन हॉस्पिटल स्थित पोस्टमार्टम हाउस से लौट रहे थे. दोपहर करीब तीन बजे वहां से घर वापस आ रहे थे, वो क्वालिस लेकर खुद चला रहे थे. तभी रास्ते में करेली निवासी दोस्त सादिक और उसकी पत्नी रुखसाना को लिफ्ट देते हुए निकले. नेहरू पार्क मोड के पास पहुंचते ही पहले से घात लगा कर बैठे हमलावरों ने पीछे से गोलियां चलानी शुरू कर दीं

इस बीच एक कार राजू पाल की गाड़ी के सामने आ गई राइफल, बंदूक समेत असलहों से लैस शूटरों ने राजू पाल की गाडी पर गालियों की बौछार कर दी. हमले में राजू पाल को कई गोलियां लग चुकी थी, गोलियों की आवाज से चारों तरफ अफरा-तफरी बच गई. तभी राजू के समर्थक उसे लहूलुहान अवस्था में टेंपो में बैठा के जीवन ज्योति हॉस्पिटल लेकर दौड़े. वहीं, शूटरों ने चलती टैंपों पर गोलियों की बरसात कर दी. करीब 5 किलोमीटर तक फायरिंग की. 19 गोलियों से राजू का शरीर छलनी हो गया. राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने अतीक और उसके परिवार पर हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया

24 फरवरी 2023 यानी 49 दिन पहले राजू हत्याकांड के गवाह अधिवक्ता उमेश पाल की दिन दहाड़े पुलिस की मौजूदगी में हत्या करवा दी गई थी. हुआ कुछ यूं था कि उमेश अपने दो सुरक्षाकर्मियों के साथ कोर्ट में खुद के अपहरण केस की सुनवाई से लौट रहा था. गाड़ी से उतरा और गली के नुक्कड़ पर खड़ा हुआ, इतने में घात लगाकर बैठे हमलावरों ने उसपर हमला कर दिया. एक बार फिर 18 साल बाद अतीक का नाम गूंजा. पुलिस की मौजूदगी में उमेश की मौत हो गई. घटना में उमेश के सुरक्षाकर्मी की मौके पर मौत हो गई, जबकि एक अन्य सुरक्षा कर्मी की इलाज के दौरान मौत हो गई


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