उत्तर प्रदेश बोर्ड ने 10वीं-12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस साल 10वीं की परीक्षा में कुल 89.78 प्रतिशत छात्र और छात्राएं पास हुए हैं. इस साल परीक्षा में छात्रों का पास प्रतिशत 86.64 % और छात्राओं का पास प्रतिशत 93.34% है यूपी बोर्ड के निदेशक डॉ महेन्द्र देव और यूपी बोर्ड के सचिव दिब्य कांत शुक्ल ने रिजल्ट घोषित किया। गौर करने वाली बात ये भी है कि इस साल यूपी बोर्ड 12वीं में फतेहपुर जिले का दबदबा देखने को मिला। अधिकतर टॉपर फतेहपुर जिले से ही हैं।
बता दें कि पिछले साल हाई स्कूल में 88.18 फ़ीसदी परीक्षार्थी पास पास हुए थे और इंटरमीडिएट में 85.33 फ़ीसदी परीक्षार्थी पास हुए थे। इसके आलावा इस साल हाईस्कूल में 2,08,953 और इंटरमीडिएट में 2,22,618 को मिलाकर कुल 4,31,571 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी थी। यूपी बोर्ड के 12वीं के परिणाम के अनुसार छात्रों की रैंक कुछ इस प्रकार रही-
यूपी बोर्ड 12वीं की पहली रैंक-
जिला नाम अंक प्रतिशत
महोबा शुभ चापरा 489/500 97.80%
यूपी बोर्ड 12वीं की दूसरी रैंक-
जिला नाम अंक प्रतिशत
पीलीभीत सौरभ गंगवार 486/500 97.20%
इटावा अनामिका 486/500 97.20%
यूपी बोर्ड 12वीं की तीसरी रैंक-
जिला नाम अंक प्रतिशत
फतेहपुर प्रियांशु उपाध्याय 486/500 97.00%
फतेहपुर खुशी 486/500 97.00%
सिद्धार्थनगर सिद्धार्थनगर 486/500 97.00%
यूपी बोर्ड 12वीं की चौथी रैंक-
जिला नाम अंक प्रतिशत
इटावा शिवा 484/500 96.80%
कन्नौज पीयूष तोमर 484/500 96.80%
प्रयागराज सुभासना 484/500 96.80%
फतेहरपुर विक्रम सिंह 484/500 96.80%
फतेहपुर निखिल तिवारी 484/500 96.80%
इस साल 29 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने दसवीं की परीक्षा दी थी. सीतापुर की छात्रा प्रियांशी सोनी ने यूपी बोर्ड दसवीं की परीक्षा में 600 में से 590 अंक लाकर प्रदेश में टॉप किया है
हाई स्कूल में सीतापुर की प्रियांशी सोनी ने किया टॉप 98.33 अंक प्राप्त हुए दूसरे नंबर पर कानपुर देहात के कुशाग्र पांडे 97.83 और अयोध्या की मिश्कत नूर को 97.83 और तीसरे नंबर पर मथुरा के कृष्णा झा को 97.67 अंक मिले हैं
इस बार UP Board की परीक्षा में ख़ास बात ये रही कि विभाग ने जल्दी रिज़ल्ट घोषित करने का रिकॉर्ड बना लिया है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह समय पर परीक्षा के बाद जल्दी मूल्यांकन है.
बता दें कि यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा 16 फ़रवरी से शुरू होकर 4 मार्च तक चलीं. उसके बाद 18 मार्च से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम शुरू हुआ. पहली बार सबसे कम समय में सिर्फ़ 14 दिन में मूल्यांकन का काम पूरा कर लिया गया