October 23, 2024 |

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NASA के टेलीस्कोप ने खींची अद्भुत तस्वीर, सामने आएगा सबसे बड़ा रहस्य

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आकाशगंगा के कई रोचक रहस्य जो अभी भी वैज्ञानिकों के लिए अनसुलझी पहेली बने हुए हैं लेकिन निरंतर वैज्ञानिकों के प्रयास सार्थक से धो रहे हैं ऐसे ही में नासा के वैज्ञानिकों ने कुछ नया खोजा है ब्रह्मांड विशालता के साथ कई गहरे राज छिपा कर बैठा है, इनमें से कुछ सबसे बड़े रहस्यों की पड़ताल के लिए डिज़ाइन की गई यूक्लिड अंतरिक्ष टेलिस्कोप ने ब्रह्मांड की पहली झलक ली है.अंतरिक्ष यान के दो उपकरणों ने प्रारंभिक टेस्ट फोटो लीं, जिससे तारों से जगमगाते दृश्य सामने आए, जो साबित करते हैं कि जहाज पर मौजूद सभी चीजें बेहतरीन स्थिति में हैं

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के यूक्लिड परियोजना प्रबंधक ग्यूसेप रक्का ने कहा कि, यूक्लिड को डिजाइन करने और विकसित करने में 11 से ज्यादा साल लग गए थे, अब उसके बाद, इन पहली तस्वीरों को देखना उत्साहजनक भी और बहुत ज्यादा भावनात्मक भी.”पूरी तरह से कैलिब्रेटेड यूक्लिड अंततः आकाश का अब तक का सबसे बड़ा 3डी मानचित्र बनाने के लिए अरबों आकाशगंगाओं का निरीक्षण करेगा

यूक्लिड

टेलिस्कोप का नाम अलेक्जेंड्रिया के यूक्लिड के सम्मान में रखा गया था, जो यूनानी गणितज्ञ थे, और माना जाता है कि करीब 300 ईसा पूर्व यूनान में रहते थे उन्हें ज्यामिति का जनक माना जाता है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की नवीनतम वैधशाला, यूक्लिड को 1 जुलाई को लॉन्च किया गया था, उसके बाद से धरती से 1 मिलियन मील (1.5 मिलियन किलोमीटर) दूर मौजूद अपने कक्षीय बिंदु तक यात्रा करते हुए यह एक महीना बिता चुका है. 4-फुट-व्यास (1.2-मीटर-व्यास) का यह टेलिस्कोप उस स्थान पर रहेगा जिसे सूर्य-पृथ्वी लैंग्रेंजियन बिंदु L2 के रूप में जाना जाता है ,यह नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का भी घर है. जैसे धरती सूर्य की परिक्रमा करेगी, यूक्लिड धरती की गति के साथ तालमेल बनाकर रखेगा.

युक्लिड ने जो शुरूआती तस्वीरें भेज कर अपना क्षमता दिखाई है उससे वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं और उन्हें दूरबीन के अपेक्षा से अधिक करने की उम्मीद है. ईएसए के महानिदेशक जोसेफ एशबैकर ने एक बयान में कहा, “ईएसए के विज्ञान मिशनों को इतना अच्छा प्रदर्शन करते देखना शानदार अनुभव है.” “मुझे पूरा यकीन है कि मिशन में काम कर रही टीम यूक्लिड का इस्तेमाल करके ब्रह्मांड के 95% हिस्से के बारे में इतना कुछ जानने में सफल होगी जिसके बारे में हम वर्तमान में हमारी जानकारी बहुत सीमित है

सालों तक करेगा सर्वेक्षण

यूक्लिड अगले दो महीने अपने उपकरणों – एक विजिबल लाइट कैमरा और एक नियर-इन्फ्रारेड कैमरा/स्पेक्ट्रोमीटर – के परीक्षण और केलिब्रेशन में बिताएगा, उसके बाद यूक्लिड अगले छह सालों के लिए आकाश के लगभग एक-तिहाई हिस्से का सर्वेक्षण करेगा. टेलिस्कोप का विजिबल उपकरण, या VIS, अरबों आकाशगंगाओं की तस्वीरें लेगा, जैसा इसने अपनी शुरुआती परीक्षण तस्वीरों से जाहिर किया है. .यूक्लिड का व्यापक परिप्रेक्ष्य आकाश के एक हिस्से से वेब के कैमरे की तुलना में 100 गुना अधिक बड़े डेटा को रिकॉर्ड कर सकता है.

टेलिस्कोप की तस्वीरें गुणवत्ता के मामले में जमीन-आधारित आकाशीय सर्वेक्षणों की तुलना में कम से कम चार गुना ज्यादा बेहतर होंगी. जब VIS उपकरण पहली बार चालू हुआ, तो टीम, तस्वीरों में एक अप्रत्याशित प्रकाश के पैटर्न को देखकर चौंक गई, यह प्रकाश एक छोटे से गैप के ज़रिये आ रही सूरज की रोशनी थी. जब तक यूक्लिड एक विशिष्ट तरीके से मौजूद रहता है VIS की तस्वीरों में किसी भी दूसरी रोशनी का व्यवधान नहीं पड़ता है. इसी दौरान नियर इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर और फोटोमीटर उपकरण इन्फ्रारेड लाइट में गैलेक्सी की तस्वीरें लेंगे और प्रत्येक गेलेक्सी की दूरी का आकलन लगाएंगे

डार्क एनर्जी और डार्क मैटर जैसे अनसुलझे रहस्यों से उठ सकेगा पर्दा

यूक्लिड का पहला मकसद ब्रह्मांड के कॉस्मिक रहस्य का निरीक्षण करना है जिसमें डार्क मैटर और डार्क एनर्जी भी शामिल है. डार्क मैटर का वास्तव में आजतक पता नहीं चला है, ऐसा माना जाता है कि यह ब्रह्मांड के कुल मैटर का 85 फीसद बनाता है. वहीं डार्क एनर्जी वह रहस्यमयी शक्ति है जो ब्रह्मांड के विस्तार को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है

1920 के दशक में, खगोलशास्त्री जॉर्जेस लेमेत्रे और एडविन हबल ने पाया कि 13.8 अरब साल पहले अपने जन्म के बाद से ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है. लेकिन 1990 के दशक में शुरू हुए शोध से सामने आया कि करीब 6 अरब साल पहले किसी चीज़ ने ब्रह्मांड के विस्तार में तेजी ला दी थी, और इसका कारण एक रहस्य बना हुआ है. डार्क एनर्जी और डार्क मैटर की वास्तविक प्रकृति को जानने से खगोलविदों को यह समझने में मदद मिल पाएगी कि ब्रह्मांड किस चीज से बना है, समय के साथ इसका विस्तार कैसे बदल गया, और क्या गुरुत्वाकर्षण को समझने के अलावा और भी कुछ है

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी दोनों ही ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं और सितारों के वितरण और गति में भी भूमिका निभाते हैं. यूक्लिड को ब्रह्मांड का सबसे बड़ा और सबसे सटीक 3डी मानचित्र बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह मिशन 10 अरब प्रकाश वर्ष दूर तक फैली हुई अरबों आकाशगंगाओं का निरीक्षण करेगा, ताकि यह पता चल सके कि समय के साथ डार्क एनर्जी ने मैटर को कैसे खींचा और अलग किया होगा. इससे यूक्लिड यह देख पाएगा कि पिछले 10 अरब वर्षों में ब्रह्मांड कैसे विकसित हुआ है

 

 


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