संसद के दोनों सदनों से दिल्ली सेवा बिल पास होने के बाद देश के चर्चित अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल का पहला बयान सामने आ गया है
उन्होंने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को निशाने पर लेते हुए कहा कि इन्हें भारत में कहीं भी सिंगल इंजन की सरकार बर्दाश्त नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जिस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली संशोधन विधेयक 2023 को संसद ने अपनी मंजूरी दी है वो प्रतिनिधि लोकतंत्र के लिए जरूरी स्वायत्तता को और कमजोर करने के लिए केंद्र को दिल्ली की नौकरशाहों की सेवाओं को नियंत्रित करने की इजाजत देता है
कपिल सिब्बल ने इससे पहले शीर्ष अदालत में अनुच्छेद 370 पर बहस के दौरान कहा था कि केंद्र सरकार संविधान का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए कर सकती है, लेकिन उसके प्रावधानों के साथ हेरफेर नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर बहस के दौरान कहा कि शासकीय इकाई का एकतरफा फैसला संवैधानिक रूप से बनाए गए शर्तों को नहीं बदल सकता. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना एक सियासी फैसला था. यह संविधान के साथ धोखा है. जब कपिल सिब्बल ने दिल्ली अध्यादेश बिल पर बोलते हुए कहा कि पूर्व सीजेआई और राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई ने संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत पर सवाल उठाए हैं. 8 अगस्त को जब 370 पर सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में गोगोई के इस बयान का जिक्र किया तो मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप ऐसा नहीं कह सकते
NCT of Delhi (Amendment Bill) 2023 approved by Parliament
Allows Centre to control services of bureaucrats in the Delhi government to further emasculate the autonomy necessary for representative democracy
They don’t tolerate “single engine” governments anywhere in India !
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 8, 2023
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के सामने कपिल सिब्बल ने कहा था कि आपके एक सहकर्मी ने तो यहां तक कहा कि संविधान की बेसिक स्ट्रक्चर थ्योरी भी संदेहास्पद है. हालांकि, कपिल सिब्बल ने पूर्व सीजेआई गोगोई का नाम नहीं लिया था. इसके बावजूद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने जवाब देते हुए कहा कि मिस्टर सिब्बल, यदि आप किसी सहकर्मी का जिक्र कर रहे हैं तो ऐसा सहकर्मी हो जो वर्तमान में भी हमारे साथ काम कर रहा हो… यहां से रिटायर होने के बाद हम जो कुछ कहते हैं वह हमारी व्यक्तिगत राय होती है. इस पर सिब्बल ने कहा- लेकिन मैं आश्चर्यचकित हूं. वहीं SG तुषार मेहता ने कहा कि रंजन गोगोई को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है. वह अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं