नई दिल्ली 18 अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए नई गाइडलाइंस का एलान किया है. इसके तहत लोन अकाउंट्स में पेनल्टी को लेकर कई नियमों के बारे में निर्देश जारी किए हैं आरबीआई ने कहा है कि बैंक और रेगुलेटेड एंटिटी अपने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए लोन अकाउंट्स पर पेनल्टी के विकल्प का इस्तेमाल ना करें
रिजर्व बैंक ने बनाए नियम- जानें क्या हैं
रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी कर दिया है जिसके तहत उसने बैंकों को बताया है कि वो लोन अकाउंट्स पर कैसे पेनल्टी के नियमों का पालन कर सकते हैं. ये फैसला आरबीआई ने हाल के कई घटनाक्रमों के बाद लिया है जिसमें बैंक लोन के ऊपर लिए जा रहे इंटरेस्ट में ही पेनल्टी जोड़ दे रहे हैं और इसके आधार पर कर्जधारकों से इंटरेस्ट के ऊपर इंटरेस्ट ले रहे हैं. आरबीआई ने नई गाइडलाइंस का एलान कर दिया है जिससे लोन डिफॉल्ट होने की स्थिति में बैंको के जरिए लिए जाने वाले जुर्माने को पीनल चार्ज के तौर पर देखा जाएगा ना कि पीनल इंटरेस्ट के तौर पर देखा जाए.
आरबीआई ने X पर पोस्ट करके दी जानकारी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इन बदले हुए नियमों की जानकारी अपने X (पूर्व में ट्विटर) प्लेटफॉर्म पर दी है और आरबीआई के सर्कुलर को इस X पोस्ट में शामिल किया है. इस पर जाकर इन बदली हुई गाइडलाइंस की पूरी जानकारी ली जा सकती है
Fair Lending Practice – Penal Charges in Loan Accountshttps://t.co/ItjpHPBzGz
— ReserveBankOfIndia (@RBI) August 18, 2023
कब से लागू होंगी ये नई गाइडलाइंस
आरबीआई के सर्कुलर के मुताबिक ये नई गाइडलाइंस अगले साल यानी 1 जनवरी 2024 से लागू हो जाएंगी. सभी कमर्शियल बैंकों जिनमें स्मॉल फाइनेंस बैंक, लोकल एरिया बैंक और रीजनल रूरल बैंक इस नियम के दायरे में आएंगे और पेमेंट बैंकों पर भी ये नियम लागू होगा. सभी प्राइमरी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान जैसे एक्जिम बैंक, NABARD, NHB, SIDBI और NaBFID भी आरबीआई की इन गाइडलाइंस के दायरे में आएंगे.