इजराइल 1 अक्टूबर को हुए ईरानी हमले के पलटवार की तैयारी में जुटा है। इसके लिए कल नेतन्याहू की कैबिनेट में वोटिंग होगी। इससे पहले इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार शाम को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से फोन पर बातचीत की।
इस दौरान करीब 30 मिनट तक बातचीत हुई। रिपोर्ट्स की मानें तो इसमें ईरान पर पलटवार को लेकर चर्चा की गई। बाइडेन ने बताया कि इजराइल को अपनी सुरक्षा का पूरा अधिकार है।
इस बीच खबर है कि ईरानी सैन्य प्रमुख इस्माइल कानी पर इजराइली जासूस होने का संदेह है। ब्रिटिश अखबार द सन की रिपोर्ट के अनुसार हिज्बुल्लाह के शीर्ष नेताओं नसरल्लाह और सफीदीन के मारे जाने के बाद से ही IRGC प्रमुख ब्रिग्रेडियर इस्माइल कानी से इजराइली सुरक्षा बलों के लिए जासूसी करने के शक में पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि हसन नसरल्लाह और हाशेम सफीदीन की मौत के बाद से ही कानी लापता हैं। द सन की रिपोर्ट के अनुसार इजराइल के लिए जासूसी करने के शक में नजरबंद कर पूछताछ की जा रही
अब कि फ्रांस और अमेरिका ने लेबनान की सेना को मजबूत करने के लिए यूएन के आह्वान का समर्थन किया। यूएन काउंसिल की गुरुवार को हुई बैठक में फ्रांस और अमेरिका ने कहा कि लेबनान की सेना को मजबूत करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के आह्वान का समर्थन किया। यूएल काउंसिल ने कहा कि इजराइल के साथ देश की सीमा पर शांति सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस संकट का समाधान कमजोर लेबनान नहीं है। यह एक संप्रभु और मजबूत लेबनान है।
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजराइल ने गुरुवार शाम को बेरूत के दो इलाकों पर बमबारी की। इन हमलों में 22 लोगों की मौत हो गई,बकि 117 घायल हो गए। जानकारी के अनुसार इजराइली सेना हिज्बुल्लह के शीष सुरक्षा अधिकारी वाफिफ सफा को मारने का प्रयास था। हिज्बुल्लाह के अन मनार टीवी ने बताया कि वाकिफ सफा को मारने के लिए यह हमला किया गया।