October 22, 2024 |

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सूर्यदेव को दिया जाने वाला जल आध्यात्मिक शांति के साथ आपकी बीमारी में भी लाभ पहुंचाता है

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इस संसार में सूर्य देव को प्रत्यक्ष देव कहा जाता है क्योंकि हर कोई व्यक्ति इनके दर्शन साक्षात कर सकता है प्रत्येक दिन की शुरुआत सूर्य देव के आगमन के साथ होती है रविवार को सप्तमी तिथि मानी जाती है जो कि सूर्य देव का दिन कहा जाता है सनातन धर्म में उदय काल के सूर्य देव को जल देना शुभ माना जाता है और यह एक पुरातन परंपरा भी है परंतु आज जल देने के फायदे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से चर्चा किया जाएगा

सूर्य स्वास्थ्य एवं जीवन शक्ति का भंडार है जो जितना सूर्य देव के संपर्क में रहेगा यानी कि सूर्य के प्रकाश में रहेगा उतना ही अधिक स्वस्थ रहेगा जहां तक सूर्य का प्रकाश पहुंचता है वहां पर सभी कीटाणु नष्ट हो जाते हैं एवं सूर्य के प्रकाश में कीटाणुओं को नष्ट करने की सामर्थ होती है सूर्य देव अपने प्रकाश के माध्यम से प्रतिदिन ऐसे आवश्यक तत्वों की वर्षा करते हैं जो इस पृथ्वी पर जीवन के लिए उत्तरदाई होता है यह बात तो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सिद्ध हो चुकी है सूर्य देव की प्रकाश में अनेक चमत्कारी गुण होते हैं जिसका के उपयोग आज की मेडिकल साइंस भी करती है पीलिया और छय जैसे अनेक रोगों में खुले शरीर सूर्यदेव के प्रकाश में बैठना लाभदायक होता है सूर्य देव के उदय काल की समय की रश्मि ओं का सेवन करने वाले लोग दीर्घायु होते हैं

सूर्य के रोग नाशक की शक्ति का वर्णन करते हुए अथर्ववेद में एक मंत्र के माध्यम से कहा गया है कि सूर्य औषधि बनाता है विश्व में प्राण रूप है और अपनी रचनाओं के माध्यम से पृथ्वी पर जीवन का संचार करता है सूर्योदय के समय लाल प्रकाश में बैठना प्रत्येक के लिए लाभदायक सिद्ध होता है जैसा कि हम जानते हैं सूर्य देव के प्रकाश में 7 रंग होते हैं और प्रत्येक रंग का अलग-अलग गुण प्रभाव होता है जिसका की प्राकृतिक चिकित्सा में आजकल बहुत प्रयोग हो रहा है

लाल रंग  सर्दी खांसी जुकम मलेरिया एवं जुखाम बुखार में लाभदायक सिद्ध होता है

हरा रंग यह स्नायु संस्थान नाड़ी यादी स्वसन के रोगों में लाभदायक सिद्ध होता है

पीला रंग यह रक्तसव चोट घाव तथा उच्च रक्तचाप एवं दिल की बीमारियों में फायदा पहुंचाता है

नीला रंग यह दहा अपक्ष एवं मधुमेह में लाभकारी सिद्ध होता है

बैगनी रंग यह मिर्गी दांत के रोग सर्दी खांसी में लाभकारी सिद्ध होता है

नारंगी रंग यह बात पित्त एवं अमल से संबंधित रोगों तथा अनिद्रा को दूर करता है

आसमानी रंग यह सर्दी खांसी स्नायु रोग योन रोग एवं सर दर्द में लाभकारी सिद्ध होता है इसलिए कहा जाता है कि सूर्य का प्रकाश रोगी के कपड़े एवं कमरे के रंग से मिलकर रोगी के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है अतः दैनिक जीवन में हम अपनी जरूरत एवं प्रवेश के अनुसार कपड़ों के रंगों का फेरबदल कर सूर्य के प्रकाश से उत्तम लाभ उठाते आए हैं

फतेह सूर्य देव की उपासना अर्चना करने से जीव को विशेष लाभ होता है सूर्य देव को पूरे काल के समय जल अर्पित करना चाहिए एवं यथाशक्ति सूर्य देव के द्वारा उत्पन्न प्रकाश की राशियों में बैठकर जब तक भजन करना चाहिए उससे जातक को विशेष लाभ मिलता है सूर्य का प्रकाश किसी भी रितु काल में हर अवस्था पर अपना लाभदायक प्रभाव ही डालता है

प्रत्येक जीव को उदय काल के समय सूर्य देव को जल अर्पण करना चाहिए जिससे कि घर में सुख शांति एवं निरोग व स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है सूर्य देव को जल अर्पण करते समय सावधानीपूर्वक एवं श्रद्धा भाव से सूर्य के प्रकाश में तांबे या पीतल के पात्र में खड़े होकर सूर्यदेव की तरफ देखते हुए जलधारा के रूप में जिसमें की जल की धारा अपने सर के ऊपर से दोनों हाथों से श्रद्धा वंदन करके अर्पित करनी चाहिए देव को जल अर्पित करते समय शास्त्रों में बताए हुए मंत्रों का भी उपयोग किया जा सकता है अथवा यथाशक्ति जो भी मंत्र याद हो या अपने मन में जॉब करते हुए जल अर्पित करें और सुनिश्चित करें कि जो जल की धारा सूर्य देव की तरफ मुंह करके दी जा रही है वह जल की धारा जमीन पर गिरते समय सूर्यदेव की किरणें उस जल की धारा से होकर निकले तत्पश्चात आपके शरीर पर पड़े श्रद्धा एवं भाव से की हुई जब तक प्रार्थना आदि का अत्यंत चमत्कारिक लाभ प्राप्त होता है सुख शांति एवं संपन्नता के लिए तथा निरोगी स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए हम सब जीवो को सूर्य देव का धन्यवाद देते हुए उनकी आराधना पूजा एवं जल अर्पण करना चाहिए

 


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