लखनऊ 4 जून लोकसभा चुनाव में भाजपा का भगवा दुर्ग ढह गया और अयोध्या सपा की हो गई। इंडिया गठबंधन के सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने भाजपा के लल्लू सिंह को 56,934 वोटों से हराकर यहां की फैजाबाद संसदीय सीट पर कब्जा कर लिया। बसपा प्रत्याशी सच्चिदानंद पांडेय और भाकपा के अरविंद सेन यादव अपनी जमानत भी नहीं बचा सके।
यूपी में भाजपा अपनी उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकी। पिछली बार 62 सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार 33 पर सिमट गई। सेंट्रल यूपी में उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा ने राममंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा और निर्माण को जिस तरह से जनता से बीच उठाया, उसका फायदा उसे नहीं मिला। राममंदिर के इर्द-गिर्द की सभी लोकसभा सीटें भाजपा हार गई। अयोध्या मंडल में उसका रिपोर्ट कार्ड ”जीरो” रहा। इतना ही नहीं वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा ने मध्य यूपी की 24 में से 22 सीटें जीती थीं। लेकिन, इस बार उसे इस क्षेत्र में 13 सीटों का नुकसान हुआ। वहीं, कांग्रेस को 3 और सपा को 11 सीटों का फायदा हुआ।
अयोध्या मंडल की फैजाबाद सीट भी भाजपा नहीं बचा सकी। सपा ने अयोध्या में दलित प्रत्याशी व पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद को उतारा, जिन्होंने भाजपा के लल्लू सिंह को 50 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया। इस मंडल की सबसे चर्चित सीट अमेठी में भाजपा प्रत्याशी व कद्दावर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी कांग्रेस के केएल शर्मा के सामने कहीं भी नहीं टिक सकीं। बाराबंकी में कांग्रेस के तनुज पुनिया ने दो लाख से ज्यादा मतों से भाजपा प्रत्याशी राजरानी रावत को हराकर साबित कर दिया कि मंदिर से उपजी किसी तरह की लहर यहां तक नहीं पहुंच सकी। अयोध्या मंडल के अम्बेडकरनगर क्षेत्र में पिछली बार बसपा के टिकट पर सांसद चुने गए रितेश पांडे पर भाजपा ने इस बार दांव लगाया था। उसका यह दांव भी फ्लॉप साबित हुआ। सपा के लालजी वर्मा ने उन पर बढ़त ली।