October 22, 2024 |

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बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती है मुख्यमंत्री योगी

गोरखपुर में 603 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और 218 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) का लाभ मिल रहा

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लखनऊ : 07 मार्च, 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश की संवेदनशील सरकार सबका संबल बन रही है। ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान सरकार की इसी संवेदनशीलता के प्रयास हैं।
मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र में ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के 82 लाभार्थियों को लैपटॉप, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत मेधावी छात्राओं को प्रोत्साहन पुरस्कार राशि का चेक और 20 महिला मंगल दलों को स्पोर्ट्स किट वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों या इनमें से किसी एक को खोया था या कोरोना काल में जो बच्चे किसी अन्य कारणों से निराश्रित हुए थे, उन सभी के लिए प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू की।
योजना के माध्यम से ऐसे बच्चों को प्रतिमाह 4,000 रुपये छात्रवृत्ति स्वरूप दिए जा रहे हैं। इस योजना में 9वीं या इससे ऊपर की कक्षाओं में पढ़ रहे विद्यार्थियों को लैपटॉप देने की व्यवस्था की गई है। जिन बच्चों के माता-पिता दोनों या किसी एक की मृत्यु कोरोना काल में किसी अन्य कारणों से हुई है ऐसे बच्चों को ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य)’ के अंतर्गत प्रतिमाह 2500 रुपये दिए जा रहे हैं।
कोरोना ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी। कोई ऐसा देश नहीं जहां बड़ी संख्या में मौतें न हुई हों। इस संकट की परिस्थिति में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना प्रबंधन का बेहतरीन मॉडल पेश किया। टेस्ट, उपचार, वैक्सीन और राशन की निःशुल्क व्यवस्था की गई। आज भी देश में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन का लाभ मिल रहा है। 200 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज मुफ्त दी गईं। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रबंधन के दौरान अनेक नवाचार भी हुए। पहले लॉकडाउन फिर जहां बीमार-वहीं उपचार के साथ ही भरण-पोषण भत्ता देने की व्यवस्था बनाई गई। कोरोना से जो बच्चे निराश्रित हुए, उनकी परवरिश का बड़ा प्रश्न था। इसके लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की गई। बच्चों के भरण पोषण व पढ़ाई के लिए धनराशि खातों में पहुंच रही है।
गोरखपुर में 603 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और 218 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) का लाभ मिल रहा है। वर्ष 2021-22 में 115 बच्चों को लैपटॉप दिया गया था, आज 82 बच्चों को लैपटॉप प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बच्चों को डिजिटल लाइब्रेरी से जुड़ने के बारे में बताते हुए कहा कि दुनिया ज्ञान का अथाह भंडार है। इससे तारतम्य स्थापित कर लिया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। लैपटॉप मिलना डिजिटल दुनिया से संवाद बनाने का अच्छा अवसर है। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि कोरोना की त्रासदी को भूलकर नई दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। आपको 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद, 23 वर्ष होने तक पीएम केयर्स फंड से भी अच्छी धनराशि मिलेगी। उन्होंने कहा कि माता-पिता की कमी कोई पूरा नहीं कर सकता लेकिन सरकार से मिलने वाली यह धनराशि आपके लिए संबल है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ प्रधानमंत्री का मंत्र है। इसी के तहत आज उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बेटियों, संस्थाओं और महिला मंगल दलों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। गांव-गांव में खेल के मैदान बनाए जा रहे हैं ताकि बेटियां भी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनें। इसमें महिला मंगल दल की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सरकार हर ग्राम पंचायत को स्पोर्ट्स किट देगी। 10 वीं बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 10-10 बालिकाओं को पांच-पांच हजार रुपये, 12वीं की जिला टॉपर को 20 हजार रुपये, कक्षा 5 से 6 में बालिकाओं के शत-प्रतिशत रिजल्ट वाले चार शिक्षण संस्थाओं को 10-10 हजार रुपये, कक्षा 8 से 9 में बालिकाओं के शत-प्रतिशत रिजल्ट वाले चार संस्थाओं को 15-15 हजार रुपये तथा 10वीं से 11वीं में बालिकाओं के शत प्रतिशत रिजल्ट वाले तीन संस्थाओं को 20-20 हजार रुपये की प्रोत्साहन धनराशि दी जा रही है।
प्रदेश सरकार बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा दे रही है। साथ ही, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में बालिका के जन्म से स्नातक स्तर की शिक्षा तक विभिन्न चरणों में 15 हजार रुपये देने की व्यवस्था की गयी है। बालिका के विवाह योग्य होने पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 51 हजार रुपये दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के विद्यालय बेहतर हो चुके हैं। ऑपरेशन कायाकल्प से स्मार्ट क्लास, अच्छी फ्लोरिंग, टॉयलेट, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है। सरकार का प्रयास है कि बच्चों में निखार लाकर उनका भविष्य उज्ज्वल बनाया जाए ताकि वे अपने गांव, समाज, देश की समृद्धि में योगदान दे सकें। उन्होने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आपको अपनी प्रतिभा सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए खूब मेहनत करिए। मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। सरकार आपकी मेहनत को प्रोत्साहित करने आई है।
मुख्यमंत्री ने सभी को होली की बधाई देते हुए कहा कि होली का पावन पर्व वैर भाव भुलाकर उत्साह और उमंग से आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि हताशा और निराशा में कोई जीवन नहीं होता। बुराई त्याग कर हम जीवन में उत्साह और उमंग की तरफ बढ़ सकते हैं। मुख्यमंत्री जी ने प्रशासन को निर्देशित किया कि सभी बच्चों को गोरखपुर प्राणि उद्यान का भ्रमण कराया जाए। उन्होंने बच्चों को पर्यावरण व जीव संरक्षण का संदेश देते हुए कहा कि मानव के साथ ही जीव-जंतुओं से सृष्टि की रचना हुई है। पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं की रक्षा करना हम सबका दायित्व है। प्राणि उद्यान घूमने से आप सबका मनोरंजन के साथ ज्ञानवर्धन भी होगा।
कार्यक्रम स्थल के बाहरी परिसर में बेसिक शिक्षा विभाग, बाल विकास परियोजना, चिकित्सा विभाग आदि के स्टॉलों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने गोदभराई व बच्चों को अन्नप्राशन भी कराया। साथ ही बेसिक स्कूलों के बच्चों से बात कर उन्हें उपहार प्रदान किये।
कार्यक्रम में सांसद रविकिशन शुक्ल, सांसद कमलेश पासवान एवं विधायक श्री विपिन सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधि तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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