किसान उपभोक्ता संगठन बनाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं
किसानों को बरगलाने और भड़काने की राजनीति से बचाएं और कृषि को रोजगार के साथ-साथ एक व्यापार बनाएं किसान उपभोक्ता संगठन यानी कि FPO बनाएं
किसान उपभोक्ता कंपनी आमतौर पर हम सभी लोग जानते हैं कि कंपनी दो प्रकार की होती हैं एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और पब्लिक लिमिटेड कंपनी जो कि भारत सरकार के कंपनी एक्ट 1956 से रजिस्टर्ड होती है
भारत सरकार ने भारत वर्ष के लघु और मध्यमवर्गीय किसान परिवारों की आय को सन 2022 तक दुगनी करने का लक्ष्य रखा है इसी के तहत भारत सरकार भारत के किसानों को किसान उत्पादक संगठन बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है जो कि कंपनी एक्ट 2013 के नियमानुसार बनेगा फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन या फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी बनाने के लिए कोई भी 10 किसान मिलकर एक कंपनी बना सकते हैं जो कि कंपनी एक्ट 2013 आने के बाद भी कंपनी एक्ट 1956 द्वारा ही गवर्न होता है फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी मुख्य तीन बातों में प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पब्लिक लिमिटेड कंपनी से अलग होती है प्राइवेट लिमिटेड में कम से कम 2 डायरेक्टर होनी चाहिए पब्लिक लिमिटेड कंपनी में कम से कम 3 डायरेक्टर होनी चाहिए और जबकि किसान उत्पादक संगठन में कम से कम पांच डायरेक्टर होनी चाहिए और सभी के सभी कृषि कार्य से जुड़े होने चाहिए किसान उत्पादक संगठन को विकसित करने के लिए उन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने अपने वित्तीय वर्ष के बजट में 5 साल के लिए किसान उत्पादक संगठन को किसी भी प्रकार के टैक्स से मुक्त रखा है यदि उनका वार्षिक टर्नओवर 100 करोड़ से कम है
फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बनाने के लिए किन्हीं भी 10 किसानों को जो कृषि क्षेत्र से जुड़े हो अपना आधार कार्ड पैन कार्ड और करंट बैंक की पासबुक और उसका स्टेटमेंट एवं कृषि से जुड़े होने का कोई भी साक्ष्य देना होगा इस प्रकार की कंपनी का निर्माण केवल किसानों के द्वारा और किसानों के हितों के लिए ही किया जा सकता है कोई भी 5 किसान बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स रहेंगे और बाकी के शेयर होल्डर यानी कि सदस्य बनकर रहेंगे सभी शेरहोल्डर्स लिए एवं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के लिए कृषि कार्य से जुड़ा होना अनिवार्य शर्त है
किसान उत्पादक संगठन को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आवश्यक है कि वह ज्यादा से ज्यादा अपने सदस्य बनाए जो कि उस उत्पादक संगठन के शेरहोल्डर्स भी होंगे सदस्यों का सदस्यता शुल्क संगठन के खाते में जमा रहेगा जिससे कि वह संगठन के द्वारा किए जाने वाले कार्यों में होने वाले लाभ के बराबर बराबर हकदार होगा संगठन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर और सदस्य मिलकर यह तय करेंगे कि संगठन share का मूल्य क्या होगा जो जितना इन्वेस्टमेंट करके शेयर परचेंज करेगा वही उसकी सदस्यता शुल्क मानी जाएगी और वह सदस्य उतने share का हकदार होगा नाबार्ड कृषि विभाग एवं खाद्य प्रसंस्करण जैसी अनेक सरकारी विभागों की स्कीमों का लाभ उठाने के लिए किसान उत्पादक संगठन को अपने मेंबर्स की संख्या कम से कम 300 से ज्यादा करनी पड़ेगी जितना धन सदस्यों द्वारा संगठन के खाते में जमा किया जाएगा उसी के बराबर नाबार्ड भी कृषि योजनाओं को संचालित करने के लिए उतना ही धन अनुदान के रूप में संगठन को देगी सदस्यों की संख्या कम से कम 300 रहेगी ज्यादा से ज्यादा कुछ नहीं हो सकती है जितने ज्यादा मेंबर होंगे फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन को उतना ही लाभ होगा
किसान उत्पादक संगठन सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं कुछ उदाहरण हम प्रस्तुत कर रहे हैं एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एएचआईडीएफ)
डेरी प्रोसेसिंग खाद्य प्रसंस्करण आदि इनमें से किसी भी योजना का लाभ लिया जा सकता है जिसके लिए जिसके लिए 90% फंड कोई भी नेशनलाइज्ड बैंक कर सकती है और अधिक जानकारी के लिए या किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए पोर्टल पर जाकर उद्यमीमित्र लॉग ऑन करें और आवेदन कर सकते हैं
इसके विषय में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बनाने के लिए या किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए कृपया नीचे दिए हुए नंबर पर कॉल करें ईमेल करें
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