तुर्किए में एक बार फिर भयंकर भूंकप के झटके महसूस किए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार 6.3 की तीव्रता के साथ सोमवार की शाम को तुर्किए-सीरिए बार्डर क्षेत्र में धरती डोली है। भूकंप रिसर्च सेंटर ने बताया कि तुर्की-सीरिया सीमा क्षेत्र में 10 किलोमीटर की गहराई पर 6.3 की तीव्रता वाला भूकंप आया है। तुर्की-सीरिया बीते दो सप्ताह पहले आए भूकंप से काफी तबाही झेलने को मजबूर है। 47 हजार से अधिक लोगों की इस भूकंप की वजह से मौत हो चुकी है।
यूरोपियन मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (EMSC) ने बताया कि तुर्की-सीरिया सीमा क्षेत्र में दस किलोमीटर की गहराई पर 6.3 की तीव्रता वाला भूकंप आया है। रविवार को आए इस भूकंप से हुई तबाही का आंकलन अभी नहीं हो सका है।
छह फरवरी को हजारों लोग हो गए थे जमींदोज़
इससे पहले छह फरवरी को तुर्की और पड़ोसी सीरिया में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई थी। इस भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई थी। इस भयंकर भूकंप के बाद भी कई झटक महसूस किए गए थे। शक्तिशाली भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या 47,000 को पार कर गई है। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। शहर के शहर तबाह हो चुके हैं। कई-कई शहर केवल मलबा के ढेर में बदल चुका है।
भारत ने मदद को भेजी है रेस्क्यू टीम...
तुर्की-सीरिया की मदद के लिए भारत ने रेस्क्यू टीम भेजी है। ऑपरेशन दोस्त मिशन पर गई टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर वापसी भी कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ऑपरेशन दोस्त में शामिल हुए जांबाजों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की है।
दरअसल, भारत ने तुर्की और सीरिया की मदद के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ मिशन लांच किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि एनडीआरएफ का आखिरी जत्था तुर्की से लौट आया है। बागची ने ट्वीट किया कि ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्की भेजी गई एनडीआरएफ की आखिरी टीम लौट आई है। तुर्की के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में कुल 151 सैनिकों और तीन डॉग स्क्वायड टीमों ने काम किया।
देश के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण एएफएडी ने सोमवार को कहा कि मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भूकंप की वजह से 3,85,000 अपार्टमेंट नष्ट हो गए या क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हजारों लोग अभी भी लापता हैं।