G20 समिट-: अमेरिका ने भारत की यूएनएससी में स्थाई सदस्यता के लिए वकालत करते हुए चंद्रयान-3 की सफलता के लिए बधाई दी दोनों देशों के साझा बयान जारी
नई दिल्ली 9 सितंबर दिल्ली में शनिवार (9 सितंबर) और रविवार (10 सितंबर) को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत आए हैं. इस बीच बाइडेन ने शुक्रवार (8 सितंबर) को पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की
पीएम मोदी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ बैठक बहुत सार्थक रही, भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक, दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के विषयों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मित्रता वैश्विक भलाई को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाती रहेगी. वहीं बाइडेन ने इस दौरान मानवधिकार, लोकतंत्र और समानता का मुद्दा उठाया.
दोनों देशों के बीच क्या चर्चा हुई?
दोनों देशों ने साझा बयान जारी कर बताया कि भारत की मेजबानी में 2024 में होने वाले क्वाड समूह की मीटिंग के लिए देश यूएस के प्रेसिडेंट बाइडेन का स्वागत करने को उत्सुक हैं. क्वाड की बैठक 2024 के शुरुआती महीने में होगी. इस ग्रुप में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया है
PHOTO | Joint statement of the US and India after the bilateral meeting between US President @JoeBiden and PM @narendramodi in Delhi. (n/1)#G20India2023 #G20SummitDelhi #G20Summit2023 pic.twitter.com/OPu02eJVDp
— Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2023
बाइडेन ने पीएम मोदी के साथ मीटिंग के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में भारत की स्थायी सदस्यता की पैरवी की. उन्होंने इस दौरान चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 को लेकर भी बधाई दी
ज्वाइंट स्टेटमेंट में क्या कहा?
भारत और अमेरिका ने संयुक्त बयान में बताया कि बाइडेन ने भारत की जी20 अध्यक्षता की सराहना की. मोदी और बाइडेन ने जी20 के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई और विश्वास जताया कि शिखर सम्मेलन के नतीजे साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाएंगे. दोनों नेताओं ने अपनी सरकारों से रणनीतिक साझेदारी को सभी आयामों में परिवर्तित करने का काम जारी रखने का आह्वान किया
बता दें कि मीटिंग में अमेरिका की ओर से अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन, विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भी मौजूद थे, जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल थे