कृषि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की कहा जाता है किसी क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार विभिन्न तरह की योजनाएं चल रहा है इन योजनाओं से किसानों को आर्थिक मदद व अन्य सहायता की जाती है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार फ्री बोरिंग योजना चला रहा है। इसके तहत सामान्य और sc-st श्रेणी के लघु और सीमांत किसानों को बोरिंग और पंपसेट स्थापित करने व एचडीपीई पाइप खरीदने पर 5000 से 10000 तक का अनुदान दिया जाएगा।
साल 1985 में उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा निश्शुल्क बोरिंग योजना शुरू की गई समय-समय पर योजना के द्वारा दी जा रही सुविधाओं में बदलाव किया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य से किसानों की मदद करता है जिनके पास सिंचाई के लिए पानी की सुविधा नहीं है
किसको और कितना मिलेगा लाभ
सामान्य श्रेणी के लघु और सीमांत किसानों को बोरिंग पर पांच से ₹7000 दिए जाएंगे। सामान्य श्रेणी के कृषकों को की बोरिंग पर पंपसेट स्थापित करने अनिवार्य नहीं है लेकिन पंपसेट स्थापित करने वाले लघु कृषकों को अधिकतम ₹4500 रूपये व सीमांत कृषकों हेतु ₹6000 का अनुदान मिलेगा।
वहीं अनुसूचित जाति -जनजाति श्रेणी के किसानों को अधिकतम ₹10000 मिलेंगे। इस सीमा के अंतर्गत बोरिंग से धनराशि शेष रहने पर रिफ्लेक्स वॉल ,डिलीवरी पाइप ,बैंड aadi सामग्री उपलब्ध कराने की अतिरिक्त सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी ऐसी एसटी वर्ग को पंपसेट स्थापित करने पर अधिकतम ₹900 का अनुदान दिया जाएगा।
बोरिंग लगने के बाद पंप स्थापित करने के लिए स्थान पर एचडीपीई पाइप लगाने वाले किसानों को अनुदान दिया जाता है । यदि किसान 90 एमएम साइज का 30 से 60 मीटर पाइप खरीदते है तो उसकी लागत पर 50% अनुदान ₹3000 दिए जाते हैं। 110 एमएम के HDPI पाइप के लिए भी ST-SC व सामान्य वर्ग के किसानों को अनुदान दिया जाता है।
कैसे ले सकते है योजना का लाभ
योजना का लाभ लेने के लिए आपको इसकी वेबसाइट पर विजिट करना होगा यहां पर योजनाएं वाली विकल्प पर क्लिक करके नीचे आवेदन पत्र के ऑप्शन पर क्लिक करके डाउनलोड कर ले। फिर इस फॉर्म को भरने के बाद इसके साथ आवश्यक दस्तावेज अटैच कर दे। इसके बाद इस जिले की लघु सिंचाई विभाग में जमा कर दें। इसके अलावा किसान भाई योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं इसके लिए पात्र किसानों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद लघु सिंचाई विभाग जांच करेगा इसके बाद आवेदक के बैंक खाते में योजना की राशि जमा कर दी जाएगी