अंगोला इस्लाम धर्म और मुसलमानों पर पाबंदी लगाने वाला अंगोला दुनिया का पहला देश है. अफ्रीकी अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक अफ्रीका महाद्वीप के इस तटीय देश अंगोला की कल्चर मिनिस्टर रोसा क्रूज ने अनुसार न्याय और मानवाधिकार मंत्रालय ने
इस्लाम को हमारे देश में कानूनी वैधता नहीं दी है।
यहां सभी मस्जिदों को बंद कर दी गई थी। ऐसी भी खबरें थी कि सरकार ने मस्जिदों को गिराए जाने का भी आदेश दिया था। मंत्री रोसा के मुताबिक यह फैसला देश में पनप रहे कई अवैध धार्मिक मतों को रोकने की कड़ी में लिया गया। मंत्री ने यह बयान देश की संसद में दिया था और कहा था कि अंगोला की संस्कृति के खिलाफ जो भी मत हैं, उन्हें रोकने के लिए यह जरूरी था।
इस्लाम के अलावा और भी कई मतों, संप्रदायों पर कानूनी रूप से बंदी की तलवार लटक रही थी, इस बारे में मंत्री ने कहा था कि हमने जिन संप्रदायों की लिस्ट निकाली है, उन पर सख्ती की जाएगी। इस फैसले के बारे में अंगोला के प्रेसिडेंट जोस अडुराडो सांतोस ने कहा था कि आखिरकार हमारे देश में इस्लामिक प्रभाव के अंत की आखिरी शुरुआत हो चुकी है। बता दें कि अंगोला में अधिकांश मुसलमान सुन्नी हैं। वे आम तौर पर पश्चिम अफ्रीका और मध्य पूर्व से विदेशी प्रवासी हैं, हालांकि कुछ स्थानीय धर्मान्तरित हैं। कई इस्लामिक संगठन मौजूद हैं जो मस्जिद, स्कूल और सामुदायिक केंद्र चलाते हैं। अंगोला में इस्लाम के विकास का संघ प्राथमिक धर्म परिवर्तन करने वाला संगठन है।
मुस्लिम अंगोलन का प्रतिनिधित्व लुआंडा के अंगोलन मुसलमानों की सर्वोच्च परिषद द्वारा किया जाता है। अंगोलन सरकार कानूनी रूप से किसी भी मुस्लिम संगठन को मान्यता नहीं देती है, नतीजा देश में मस्जिदों को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है और कई को सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है। अंगोला सरकार ने मुसलमानों के बढ़ते आतंक को देखते हुए ,उनपर सारी पाबंदियां लगाई थी। सभी देशों को अंगोला देश से अक्कल लेना चाहिए कि जो भी देश की संस्कृति के विरुद्ध कार्य करेगा, उसको बैन किया जाएगा।