गोंडा 22 अगस्त राजपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का सोमवार देर रात डीएम नेहा शर्मा ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान विद्यालय में 100 में से 89 छात्राएं गायब देख डीएम हैरान रह गईं।
डीएम ने जब वार्डन से पूछा वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सकी। इस पर लापरवाही बरतने के आरोप में वार्डन और शिक्षिका समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने विद्यालय परिसर में अव्यवस्थाओं को देखकर जिम्मेदारों की जमकर फटकार लगाई। उन्होंने छात्राओं से बात की और विद्यालय में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया। डीएम ने आवागमन रजिस्टर चेक किया गया तो उसमें छात्राओं के आवाजाही का विवरण दर्ज नहीं मिला। साथ ही चौकीदार और पीआरडी जवान भी निरीक्षण के दौरान मौजूद नहीं मिली।
गेट पर किसी भी प्रकार का आवागमन रजिस्टर भी नहीं मिला। पता चला कि वार्डन ने 17 अगस्त से कक्षा सात व आठ की छात्राओं की उपस्थिति दर्ज नहीं की गयी है। प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति भेजकर धनराशि का भुगतान भी कराया जा रहा था। डीएम के निर्देश पर बीएसए प्रेम चंद्र यादव और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा रक्क्षंदा सिंह भी देर रात विद्यालय पहुंची।
विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, अव्यवस्था और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । वार्डन सरिता सिंह, पूर्णकालिक शिक्षिका सुषमा पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह एवं पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
अगस्त को ही घर चली गई थीं बालिकाएं:
जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि वार्डन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में दर्ज होना चाहिए। विद्यालय में इस संबंध में लापरवाही बरती गई है। कई छात्राओं के अभिभावकों ने फोन पर बताया कि उनकी बच्चियां 19 अगस्त को ही घर आ गई थीं। जबकी वार्डन ने छात्राओं के 21 अगस्त को घर जाने की बात कही।