प्रयागराज 29 जनवरी प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी को हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिससे पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई. इस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्वरित प्रतिक्रिया दी और तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनमें मृतकों के परिजनों को 25 लाख का मुआवजा मामले की न्यायिक जांच कराए जाने का ऐलान किया गया तथा 7 वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति है
महाकुंभ में हुई इस दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा, उन्होंने मामले की जांच के लिए एक 3 सदस्यीय न्यायिक कमेटी का गठन किया है, जिसमें जस्टिस हर्ष कुमार, पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह शामिल हैं
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इस कमेटी को मामले की जांच करने और समय सीमा के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को प्रयागराज जाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि घटना की स्थिति का सही से आकलन किया जा सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें.
घटना की पूरी जानकारी
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने घटना की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में भारी भीड़ के दबाव के कारण यह हादसा हुआ. विशेष रूप से, ब्रह्म मुहूर्त से पहले और बाद में संगम नोज के पास भारी भीड़ जमा हो गई. इस भीड़ के कारण बैरीकेड्स टूट गए और लोग दूसरी तरफ आकर श्रद्धालुओं को कुचलने लगे, जो स्नान के लिए इंतजार कर रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव कार्य तत्काल शुरू किया गया और एंबुलेंस के माध्यम से करीब 90 घायलों को अस्पताल भेजा गया. हालांकि, इस हादसे में 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई. इनमें से 25 की पहचान हो चुकी है और बाकी की पहचान का काम जारी है
बाहर के राज्यों से आए श्रद्धालु भी थे इस हादसे का शिकार
इस हादसे में केवल यूपी के लोग ही नहीं, बल्कि कर्नाटक, असम और गुजरात जैसे राज्यों से आए श्रद्धालु भी शामिल थे. इस हादसे के बाद मेला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है ताकि श्रद्धालु और उनके परिवार के लोग किसी भी सहायता के लिए संपर्क कर सकें
CM योगी का विशेष निर्देश
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि महाकुंभ के मुख्य स्नान पर्व के दौरान कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं लागू किया जाएगा. 29 जनवरी को शासन ने स्पष्ट किया था कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल स्वीकार नहीं होगा और प्रशासन ने इसे सख्ती से लागू भी किया. महाकुंभ में हुई इस दुखद घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के त्वरित कदम और फैसलों ने यह संदेश दिया कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगा.