लखनऊ। 16 अक्टूबर बिलों में भुगतान में गड़बड़ी करना मिर्जापुर के तत्कालीन (वर्ष 2022) मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजीव सिंघल को महंगा पड़ा। डॉ. राजीव मौजूदा समय में मेरठ के प्यारे लाल शर्मा जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ परामर्शदाता के पद पर तैनात हैं।
अनियमित तरीके से बिलों के भुगतान की शिकायत की जांच कराई गई थी। जिसमें डॉ. राजीव दोषी पाए गए। लिहाजा उनकी एक वेतनवृद्धि रोक दी गई। साथ ही उनसे 4,35,000 रुपये की वसूली करने तथा परिनिन्दा का दंड दिया गया है।
तबादले में गड़बड़ी, पेंशन से वसूली होगी
प्रदेश भर में नर्सों के तबादले में अनियमितताओं में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी।मामले की जांच कराई गई। जांच में उस वक्त निदेशक चिकित्सा उपचार पद जिम्मेदारी निभा रहे डॉ. पीएम श्रीवास्तव को दोषी पाया गया। डॉ. पीएम श्रीवास्तव सेवानिवृत्त हो चुके हैं। डॉ. पीएम श्रीवास्तव की पेंशन से तीन साल तक 10 प्रतिशत के हिसाब से कटौती के आदेश दिए गए हैं।
प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप में तीन वेतनवृद्धि रोकी
प्रयागराज के राजकीय मेडिकल कॉलेज में नेफ्रोलॉजी विभाग के आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द गुप्ता पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप लगे हैं। जांच में आरोप सही पाए गए। लिहाजा उनकी तीन वेतनवृद्धियों को स्थायी रूप से रोक दिया गया है। उप मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को परिनिन्दा का दंड देने के आदेश दिए हैं। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय में सम्बद्ध चिकित्सा शिक्षक डॉ. राजेश कुमार बरनवाल पर प्रधानाचार्य, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय देवरिया पर आरोप है कि तैनाती के दौरान 36 पदों पर आउटसोर्स ऑफ मैनपावर के आधार पर आपूर्ति के लिए नवीन निविदा नहीं की गई। आरोप हैं कि बार-बार नवीन निविदा को निरस्त किया गया। बिना सक्षम अनुमोदन के पुरानी संस्था को अनुबन्ध समय विस्तार दिया गया। ऐसे में डॉ. राजेश को आरोप पत्र देकर विभागीय कार्यवाही किये के आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को दिए गए हैं। कन्नौज के राजकीय मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. दिनेश सिंह मर्तोलिया द्वारा मेडिकल कॉलेज परिसर में साफ सफाई व अपशिष्ट निस्तारण हेतु अनुबन्धित संस्था को बिना सक्षम अनुमोदन के पुरानी संस्था का अनुबन्ध समय विस्तारित करने का दोषी पाया गया है। आरोप पत्र देकर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश दिये गये हैं। श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि भ्रष्टाचार करने वालों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। रिटायरमेंट के बाद पेंशन से वसूली की जाएगी। लिहाजा स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी सरकार की योजनाओं को बहुत ही ईमानदारी से मरीजों तक पहुंचाएं। जनता में भरोसा पैदा करें।