November 23, 2024 |

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कोरोना का नया वैरीअंट चीन में मचा रहा है कोहराम डब्ल्यूएचओ का अलर्ट जारी भारत की चिंताएं बढ़ी

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डब्ल्यूएचओ के अनुसार चीन की कोरोना वैक्सीन कम असर धारक सिद्ध हो रही है बगैर किसी बैकअप प्लान के जीरो को भी पॉलिसी लागू करना चीन के लिए घातक से हुआ है चीन में कॉविड के केस और उनसे जुड़े लॉकडाउन हमेशा से चलते रहे हैं जिसको की वहां की सरकार ने विश्व समुदाय से हमेशा छिपाने का प्रयास किया है लेकिन अब जबकि वहां की जनता खासतौर से युवा वर्ग मैं चीन की सरकार के प्रति खासी नाराजगी है ऐसे में चीन की सरकार के प्रति विरोध प्रदर्शनों में तेजी आई है और वहां की जनता भी सरकार की पॉलिसी की प्रति मुखर हुई है जिससे कि चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विवो के माध्यम से विरोध प्रदर्शन तथा उनसे जुड़ी दमनकारी नीतियों की विषय में चीनी सरकार के इस प्रोपेगेंडा को विश्व समुदाय आसानी से समझ रहा है इसी विश्लेषण पर आधारित मीडिया विद यू की एक रिपोर्ट…….

 विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि चीन में कोरोना की नई लहर के कारण वहां के अस्पताल भरते जा रहे हैं लेकिन चीन की ओर से सटीक जानकारी नहीं दी जा रही है जिससे हालात का सही आंदाज़ा हो भले ही चीन के सरकारी आंकड़े कह रहे हों कि गुरुवार को वहां कोरोना से एक ही मौत नहीं हुई है  लेकिन अमेरिकी न्यूज़ एजेंसी राइटर की एक रिपोर्ट कहती है कि “बीजिंग में कोरोना से हुई मौतों के लिए निर्धारित किए गए श्मशान घाट के सामने शवों की गाड़ियों की लंबी क़तार लगी हुई है.”बीजिंग के तोंगज़ोऊ श्मशान के सामने रॉयटर्स के संवाददाता ने शवों वाली 40 गाड़ियों की लंबी क़तार देखी. इस श्मशान के एंट्री गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे

“श्मशान घाट के एक कर्मी ने एजेंसी को बताया कि बीजिंग में कुछ लोगों को तो कई दिनों तक श्मशान घाट पर अपना नंबर अआने का इंतज़ार करना पड़ रहा है तो कुछ लोग मोटी रकम भर कर श्मशान में जल्दी जगह ले रहे हैं.”

“एक श्मशान कर्मी ने वहां के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट साझा किया करते हुए लिखा ‘ अगर आप बिना लंबी कतारों में खड़े हुए आराम से श्मशान में जगह चाहते हैं तो 26000 युआन (लगभग 3700 डॉलर) में पाएं.’ हालांकि इस पोस्ट और ऑफर की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं हो सकी है.”

चीन

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‘जिसको भी मैं जिसे भी जानता हूं उसे बुखार है’

बिना किसी तैयारी और बैकअप प्लान के आचानक ज़ीरो कोविड पॉलिसी हटाने से पूरे चीन में कोरोना के नए मामले में बाढ़ सी आई गई है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त गुस्सा है जिनजियांग और अनुही जैसे कई बड़े शहरों में रैपिड टेस्ट किट की भारी किल्लत है

चीनी सोशल मीडिया वीबो पर लोग लिख रहे हैं, “बीते तीन से कोई तैयारी नहीं की गई और फिर अचानक से पाबंदिया हटाकर लोगों को बाहर खुल कर आने जाने की इजाज़त दे दी, हमारी ज़िंदगी की कोई कीमत नहीं है हम चिटियों जैंसी हल्की बना दी गई है.”

चीन से बाहर रहने वाले चीनी लोग जो वापस अपने देश आए हैं वो संक्रमण की रफ़्तार देख कर हैरान हैं.

चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शियाहोंगशु पर एक यूज़र लने लिखा, “मैं विदेश में रहता हूं और मुझे कभी कोविड नहीं हुआ, लेकिन यहां आने के बाद मुझे कोविड हो गया मैं जिन्हें भी जानता हूं उन सबको बुखार है. तो अगर आप देश से बाहर रह रहे हैं तो वही रहिए वापस मत आइए.”

बीते दो सप्ताह से चीन के इंटरनेट कोरोना के पोस्ट से पटे पड़े हैं. कई वीडियो ऐसे सामने आ रहे हैं जिसमें घर में संक्रमित परिजनों को बच्चे खाना और पानी दे रहे हैं

लेकिन इस तरह के कोई वीडियो या संदेश चीन के सरकारी मीडिया चैनल पर नहीं दिखाए जा रहे हैं

चीन

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‘चीन से हालात नहीं संभल रहे’

अमेरिविश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहां है कि चीन में कोरोना की नई लहर के कारण वहां के अस्पताल भरते जा रहे हैं. लेकिन चीन की ओर से सटीक जानकारी नहीं दी जा रही जिससे हालात का सही आंदाज़ा हो वह लगातार सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रहा है अमेरिकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट ने चीन में कोरोना की नई लहर को लेकर एक लेख प्रकाशित किया है

इसमें कहा गया है, “चीन की ज़ीरो कोविड नीति ऐसी नीति थी जो टिक नहीं सकती थी और इसे बिना किसी तैयारी और बैकअप प्लान के अचानक से ख़त्म करने के फ़ैसले से ना सिर्फ़ यहाँ के लोगों के लिए एक भयानक नई लहर का ख़तरा पैदा हुआ है बल्कि ये वहाँ के व्यापार को भी झटका देगा और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व पर भी बड़ा सवाल पैदा करता है.’

”संभव है कि ये नया संकट पूरी दुनिया को हिला कर रख दे जैसा कि वुहान में होने वाले आउटब्रेक ने तीन साल पहले पूरी दुनिया को ठप कर दिया था. चीन में जो होता है वो ज़रूरी नहीं है कि बस चीन तक ही सीमित रहे.”

“जिनपिंग सरकार ने पूरे कोरोना के समय कठोर कोविड नीति अपनाई, टेस्ट किए, जबरन लोगों को क्वॉरंटीन किया लेकिन सात दिसंबर को सरकार ने नियमों में बड़ी ढील दी और कहा कि सब कुछ कंट्रोल में है. लेकिन अभी जो हालात हैं, उनसे ज़ाहिर है कि बात उसके काबू में नहीं है.”

‘बीजिंग में ओमिक्रॉन का संक्रमण ऐसा फैला है कि कि यह एक भूतिया शहर में तब्दील हो गया है और डर है कि ये हालत पूरे चीन में हो सकते हैं. चीनी की सरकार जो अपने डेटा को छुपाने के लिए जानी जाती है, वह अपने प्रतिदिन आने वाले मामलों को ठीक से रिपोर्ट नहीं कर रही और कई सारे ट्रैकिंग ऐप डिएक्टिवेट कर दिए गए हैं, जिससे वहाँ के हालात कैसे हैं, आंकड़े क्या हैं? इसे लेकर असमंजस बना हुआ है.”

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से अन्य देशों के लिए अलर्ट जारी किया गया है वही भारत के स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवाइजरी जारी कर कोबिट प्रोटोकॉल लागू कर दिया जिस जीरो कोविड पॉलिसी का विरोध पूरे चीन में हो रहा है और माना जा रहा है कि इसी वजह से जनसंख्या के आधार पर इतनी बड़ी देश में कोई बैकअप प्लान ना होने की वजह से चाइना फिर से कोविड की गिरफ्त में आ चुका है कुवैत का नया वैरीअट चाइना में तबाही मचा रहा है जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में दूसरे सबसे बड़े राष्ट्र भारत ने भी कोबिट प्रोटोकॉल को समाप्त कर जीरो पॉइंट पॉलिसी लागू की थी जिसको कि अभी ज्यादा समय नहीं हुआ और आज विश्व जब कोबिट की नई वैरीअट की गिरफ्त की दहलीज पर खड़ा है तो भारत सरकार ने भी अपनी हां विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह को मानते हुए कोबिट प्रोटोकॉल लागू कर दिया है जिसके अनुपालन के लिए सरकार की सुरक्षा एजेंसियों को कड़े निर्देश दिए गए

मुद्दे की बात यह है कि जीरो कोविड पॉलिसी भारत और चीन दोनों देशों ने अपने हल लागू की थी बावजूद इसके कोबिट से चाइना में हाहाकार मचा हुआ है जबकि भारत में हालात सामान्य श्रेणी के नजर आ रहे हैं उसका बहुत बड़ा कारण भारत ने बड़े पैमाने पर वैक्सीन की डोज अपनी जनता के लिए न केवल उपलब्ध कराई बल्कि उनको अपनी एजेंसियों के माध्यम से लगवाना भी सुनिश्चित किया है आज भारत की एक बहुत बड़ी आबादी दोनों कोरोना वैक्सीन की डोज से सुरक्षित हैं तीसरी बूस्टर डोज पर काम चालू है भारत ने कोविड वैक्सीन की गुणवत्ता तथा उसको लगाए जाने के व्यापक अभियान को सुनिश्चित किया था जिसकी वजह से आज विश्व में जनसंख्या के आधार पर दूसरे सबसे बड़े राष्ट्र होने के बावजूद भी अपने यहां कोबिट पांडेमिक पर काफी हद तक काबू करने में सफलता प्राप्त की है जबकि वहीं चीन ने अपनी गुणवत्ता के अनुसार कोरोना वैक्सीन को बनाया था जिसका की विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा माना जा रहा है कि विश्व में उपलब्ध अन्य कॉविड वैक्सीन के मुकाबले चीन की कोबिट वैक्सीन कम असरदार साबित हो रही है जिसको की ध्यान में रखते हुए चीन ने अभी हाल ही में जर्मनी से कोविड वैक्सीन की कुछ  डोज आयात की है

 


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