आवास विकास परिषद उत्तर प्रदेश के आखिर 10000 फ्लैट क्यों नहीं निकल पा रहे हैं क्या कारण है इतनी मगजमारी करने के बाद विभाग खरीदार क्यों नहीं जुटा पा रहा है इन सब के पीछे क्या वजह है आवास विकास परिषद उत्तर प्रदेश की करोड़ों की संपत्ति इन फ्लैट्स में फंसी हुई है आधुनिक सुविधाओं से युक्त फ्लैट को बेचने के लिए विभाग के प्रयास भी अकाल सराहनीय है लेकिन फिर भी ग्राहकों का अकाल क्यों है इन सब सवालों के जवाब तलाशने मीडिया विद यू की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर विभागीय अधिकारियों से पता लगाया एक रिपोर्ट…….
मीडिया विद यू की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर जब इन फ्लैट्स को देखा तो पाया कि उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के नवनिर्मित फ्लैट आज की आधुनिक सुविधाओं से युक्त है लेकिन बावजूद इसके खरीदारों को क्यों आकर्षित नहीं कर पा रहे हैं
आवास विकास आयुक्त और रणवीर प्रसाद की माने तो फ्लैट खरीदने वालों को किस्तों में भुगतान और अन्य विकल्प भी मिलेंगे उनका कहना है कि हम सप्लाई और डिमांड को देखते हुए किसी भी आवंटी को एक फ्लैट से अधिक फ्लैट भी भेज सकते हैं हमारे सभी फ्लैट रेडी टू मूव है जिस पर कोई भी जीएसटी नहीं लगेगा
आवास विकास आयुक्त ने पहले आओ पहले पाओ योजना का शुभारंभ करते हुए अपग्रेड वेबसाइट को लांच किया और उन्होंने बताया कि खरीददार अब मानवीय हस्तक्षेप नहीं चाहते इसलिए वेबसाइट www.upavp.in की माध्यम से लोग अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर आसानी से फ्लैट खरीद सकते हैं उनको ऑनलाइन फ्लैट लोकेशन के साथ ही यूनिट प्लान भी मिल जाएगा उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की विभिन्न योजनाओं के फ्लैट लखनऊ आगरा मेरठ एवं गाजियाबाद में उपलब्ध है
आवास विकास आयुक्त रणवीर प्रसाद ने बताया है कि यह फ्लैट सस्ती नहीं होंगे कुछ समय बाद इनकी कीमत बढ़ाई जाएगी जिससे महंगे होंगे दर्शन योजनाओं में सुविधाओं को बढ़ाया जा सकता है जिससे लागत बढ़ जाएगी इससे पूर्व मंगलवार को आवास विकास परिषद ने अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए पहले आओ पहले पाओ योजना का शुभारंभ किया था जिसमें की आवास आयुक्त सहित अपार आयुक्त उदय भान त्रिपाठी सचिव नीरज शुक्ला उप आवास आयुक्त प्रफुल्ल त्रिपाठी मुख्य अभियंता देवी सिंह वित्त नियंत्रक धर्मेंद्र वर्मा आज उपस्थित थे