हमेशा सुर्खियों में रहने वाली उत्तर प्रदेश की पुलिस कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए अपने सख्त चेहरे के रूप में जानी जाती है लेकिन जब वह मानवीय आधार पर उच्च आदर्शों को अपने गुड वर्क के माध्यम से स्थापित करती है जो समाज के अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का आधार बनती है इसी प्रकार की एक मिसाल ग्रेटर नोएडा के एसएचओ विनोद सिंह तथा उनकी पत्नी ज्योति सिंह ने दिया है दरअसल ग्रेटर नोएडा के एक नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र में 20 दिसंबर को एक नवजात बच्ची मिली जिसकी की सर्दी से हालत बेहद नाजुक थी जिसको उन्होंने ना केवल आश्रय दिया बल्कि उसके माता-पिता ना मिल जाने तक उसकी देखरेख करने की प्रतिबद्धता भी जताई
20 दिसंबर की रात ग्रेटर नोएडा की एकनॉलेज पार्क की थना पुलिस को झाड़ी में पड़े किसी लावारिस बच्ची के बारे में पता लगा तो आनन-फानन में पुलिस वहां पहुंची और उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया बाद मैं बच्ची की हालत के बारे में थाने के एसएचओ विनोद सिंह की पत्नी ज्योति सिंह को खबर लगी. एसएचओ विनोद सिंह ने पत्नी से बच्चे को फीडिंग कराने के लिए कहा. इस पर उनकी पत्नी ज्योति तुरंत तैयार हो गईं और बच्ची को फीडिंग कराई. ज्योति कहती हैं कि बच्ची को बहुत ज्यादा ठंड लग चुकी थी, इसलिए उसे गर्माहट देने के लिए काफी देर तक उसे अपने पास रखा. इससे उसे आराम मिला. कुछ देर बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया. फिलहाल बच्ची की हालत ठीक बताई जा रही है.इस साल अगस्त में एसएचओ विनोद सिंह और उनकी पत्नी ज्योति माता-पिता बने हैं. उनका साढ़े 3 महीने का बेटा है. ज्योति बताती हैं कि उन्हें बच्चों से बहुत लगाव है. शादी से पहले वो टीचर थीं. बच्चों के लिए वो ज्यादा संवेदनशील रहती हैं. ज्योति बताती हैं कि जब उनको इस नवजात बच्ची के बारे में पता चला तो उन्हें इसे झाड़ियों में फेंकने की घटना को लेकर बहुत गुस्सा आया. ज्योति ने बच्ची को कपड़े पहनाए.
एसएचओ बोले- बच्ची की मां के बारे में पता लगाने की हो रही है कोशिश
एसएचओ विनोद सिंह बताते हैं कि बच्ची की मां और परिवार को ढूंढ़ने की लगातार कोशिश की जा रही है. आसपास के अस्पतालों में भी पूछताछ की गई है. जब तक बच्ची के माता-पिता नहीं मिल जाते, तब तक उसका पूरा ख्याल रखा जाएगा.