देश के सबसे वयोवद्ध नेता और सांप्रदायिक सद्भावना के पुरोधा रहे प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार देर शाम मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक व पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे बादल को सीने में संक्रमण की वजह से पिछले एक सप्ताह से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार 27 अप्रैल को उनके गांव बादल में होगा। 26 अप्रैल को पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए चंडीगढ़ में पार्टी के सेक्टर-28 स्थित पार्टी मुख्यालय में लाया गया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चडीगढ़ जाकर प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि दी।
#WATCH | PM Narendra Modi pays last respects to Shiromani Akali Dal patron Parkash Singh Badal in Chandigarh pic.twitter.com/gIrJYHHt6h
— ANI (@ANI) April 26, 2023
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- बादल का जन्म आठ दिसंबर, 1927 को गांव अबुल खुराना (अब पाकिस्तान) हुआ था। उनका राजनीतिक सफर देश की आजादी के साथ ही 1947 में शुरू हुआ और वह 1952 में पहली बार चुनाव जीतकर गांव बादल के सरपंच बने। तब उन्हें सबसे कम उम्र के सरपंच बनने का खिताब मिला था।
बादल पहली बार 1957 में विधायक चुने गए थे। वह 11 बार विधानसभा और एक बार लोकसभा का चुनाव जीते। बादल अपने राजनीतिक जीवन का अंतिम चुनाव (2022 के विधानसभा चुनाव) हारे थे। इस चुनाव में हार के बाद से ही उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली थी।
प्रकाश सिंह बादल को 2015 में देश के दूसरे सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण के साथ सम्मानित किया गया था, जबकि 2011 में श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से उन्हें पंथ रतन फख्र-ए-कौम सम्मान दिया गया था।