कोलकाता 22 फरवरी बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई हिंसा पर गुरुवार (22 फरवरी) को एक डॉक्यूमेंट्री जारी की. इसमें महिलाओं के खिलाफ हुए अत्याचार और उनके यौन उत्पीड़न की घटनाओं की जानकारी दी गई है
बीजेपी ने कहा है कि चौंकाने और झकझोर देने वाली इस सच्चाई को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार छिपाने की कोशिश कर रही है. डॉक्यूमेंट्री का टाइटल ‘द संदेशखाली सॉकर – द बिग रिवील’ है.
बीजेपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डॉक्यूमेंट्री जारी की है. इसे शेयर करते हुए बीजेपी ने लिखा, ‘एक ऐसी सच्चाई, जो आपको हिला देगी. एक ऐसी सच्चाई जो आपको दर्द देगी. एक ऐसी सच्चाई जो आपके जमीर को झकझोर देगी. संदेशखाली का वो सच, जिसे ममता बनर्जी छिपाने की कोशिश कर रही हैं.’ टीएमसी के फरार नेता शेख शाहजहां और उसके समर्थकों पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करने और जमीन हड़पने का आरोप लगा है
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से लगभग 100 किलोमीटर दूर उत्तर 24 परगना जिले में मौजूद संदेशखाली इन दिनों चर्चा में बना हुआ है. ये इलाका सुंदरबन की सीमाओं पर स्थित है. यहां की स्थानीय महिलाओं ने आरोप लगाया है कि शेख शाहजहां और उसके समर्थक उनके साथ यौन उत्पीड़न किया करते थे. शाहजहां से यहां पर लोगों की जमीनों को हड़पने का भी काम किया है. डॉक्यूमेंट्री में भी महिलाओं को जमीन हड़पने की जानकारी देते हुए देखा जा सकता है.
डॉक्यूमेंट्री में महिलाएं क्या कह रही हैं?
बीजेपी की तरफ से जारी की गई डॉक्यूमेंट्री में जब महिलाओं से संदेशखाली के हालात को लेकर सवाल किया गया, तो वे कहती हैं, ‘हम यहां राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रहे हैं.’ बीजेपी नेता भी कह चुके हैं कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है. ऐसे में यहां पर तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए.
एक महिला बताती है, ‘वे (शेख शाहजहां के समर्थक) यहां पर मारपीट कर रहे हैं. उन्होंने महिलाओं के साथ मारपीट की है. एक महिला का सिर फोड़ दिया गया. डॉक्टरों ने उसका इलाज करने से इनकार कर दिया. ऊपर से पीड़ित महिला के पति के खिलाफ ही केस दर्ज कर दिया गया. उसके पति के ऊपर आरोप लगाया कि वह शराब बेचता है.’
बंगाल पहुंचा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
वहीं, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) का तीन सदस्यीय दल बुधवार (21 फरवरी) को आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के पश्चिम बंगाल पहुंचा. टीम संदेशखाली में आदिवासियों की जमीन हड़पने की शिकायतों की भी जांच करेगा. आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और राज्य पुलिस प्रमुख को भी नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने को⁷ कहा है.