नई दिल्ली 2 नवंबर पूर्वी यूरोप और एशिया के बीच एक मुस्लिम देश अजरबैजान है। अजरबैजान एक मुस्लिम कंट्री है, जहां पर 95 प्रतिशत आबादी सिर्फ मुसलमानों की है। लेकिन आपको जानकर हैरत होगी कि यहां सुराखानी में मां दुर्गा का एक ऐसा मंदिर है, जिसमें पिछले कई सालों से पवित्र अग्नि लगातार जल रही है। हालांकि, अब एेसा बताया जाता है कि यहां न तो श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई देती है और न ही जयकारे गूंजते हैं।
टेंपल ऑफ फायर’ नाम से जाना जाता है मंदिर
इस मंदिर को ‘टेंपल ऑफ फायर’ के नाम से जाना जाता है। इसकी वजह यहां कई वर्षों से आग का निरंतर जलना है। बता दें कि हिंदू धर्म में अग्नि को बहुत पवित्र माना जाता है। इसलिए यहां जल रही ज्योति को साक्षात भगवती का रूप माना गया है। यहां एक प्राचीन त्रिशूल भी स्थापित है। मंदिर की दीवारों पर गुरुमुखी में लेख अंकित हैं। वहीं, मंदिर में प्राचीन वास्तुकला का उपयोग किया गया है।
किसने बनवाया था ये मंदिर
ऐसा कहा जाता है कि कई सालों पहले भारतीय कारोबारी इस रास्ते से होकर जाते थे। ऐसे में इन लोगों ने इस मंदिर को बनवाया था। इतिहासकारों के मुताबिक, इसे बुद्धदेव नाम के किसी शख्स ने बनाया था, जो हरियाणा के मादजा गांव के रहने वाले थे। वहां मौजूद एक अन्य शिलालेख के मुताबिक उत्तमचंद व शोभराज ने भी मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी।
ईरान के लोग भी यहां आते थे पूजा करने
इस रास्ते से होकर गुजरने वाले ज्यादातर भारतीय व्यापारी इस मंदिर में अपना मत्था जरूर टेकते थे। वहीं, मंदिर के पास बने कोठरियों में ये व्यापारी विश्राम करते थे। बताया जाता है कि ईरान के लोग भी यहां पूजा करने आते थे। ऐसा कहा जाता है कि 1860 ई. में यहां से पुजारी चले गए। माना जाता है कि फिर कोई पुजारी यहां लौटकर नहीं आया। तब से इस मंदिर में श्रद्धालुओं का आना भी खत्म हो गया।