मरीज से अवैध वसूली पर दो डॉक्टर व पाँच कर्मचारी बर्खास्त
गोंडा महिला चिकित्सालय की अधीक्षिका समेत अन्य डॉक्टर व स्टाफ नर्स पर कार्रवाई
मरीज से अवैध वसूली व अस्पताल में अव्यवस्था पर बिफरे उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक
लखनऊ। 20 दिसंबर
गोंडा महिला अस्पताल में भारी अव्यवस्था और अवैध वसूली के मामले को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गंभीरता से लिया है। मीडिया में खबरें आने के बाद उप मुख्यमंत्री ने मामले की मंडलीय अपर निदेशक से जाँच कराई। जाँच में शिकायतें सही पाईं गईं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका समेत एक डॉक्टर व स्टाफ नर्स पर वृहद कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही दो डॉक्टर, पाँच कर्मचारियों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं। गैरहाजिर 18 कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
बीते दिनों मीडिया में गोंडा महिला अस्पताल में अव्यवस्था संबंधी खबर आई। इसका संज्ञान उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने लिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए मंडलीय अपर निदेशक को जाँच के निर्देश दिए। मंडलीय अपर निदेशक ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में अव्यवस्था पाई गई। अवैध वसूली सम्बन्धी समस्त शिकायते भी सही मिलीं।
प्रमुख सचिव को कार्रवाई के निर्देश
जाँच के आधार पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को गोंडा जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सुषमा सिंह, चिकित्साधिकारी डॉ. सुवर्णा एवं स्टॉफ नर्स, शर्मिला के विरूद्ध वृहद दण्ड की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही डॉ. ज्योतिमा सिंह, डॉ. परवेज इकबाल, ओटी टेक्नीशियन महेन्द्र यादव, आशुतोष त्रिपाठी, विष्णु, स्टॉफ नर्स नीतू व आशा सरिता सिंह को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं।
18 गैरहाजिर कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि अधिकारियों ने जाँच के दौरान अस्पताल का भ्रमण किया। डॉक्टर-कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर देखा। इसमें बिना बताये अस्पताल से 18 कर्मचारी गायब मिले। सभी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
लापरवाह डॉक्टर-कर्मचारी नपेंगे
उप मुख्यमंत्री ने साफ कहा लापरवाही और मरीजों से अवैध वसूली कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसा करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई होगी। मरीजों को पीड़ा देने वालों को किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जायेगा।