प्रयागराज में हुई सनसनीखेज वारदात के बाद मृतक उमेश पाल को सभी जान रहे हैं. लेकिन हत्याकांड में जान गंवाने वाले यूपी पुलिस के सिपाही संदीप निषाद का परिवार अकेला पड़ गया है लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही गोली लगने के बाद घायल होने के बावजूद जिस बहादुरी से अपने कर्तव्य के लिए उमेश पाल को आखरी दम तक बचाने के लिए लगा रहा वह काबिले तारीफ है
प्रयागराज हत्याकांड में आजमगढ़ के रहने वाले गनर संदीप ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान की बाजी लगा दी. उमेश पाल को मारने आए बदमाशों ने सुरक्षा में ढाल बनकर खड़े गनर संदीप को भी अपनी गोली और बम से शिकार बना लिया और इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया
शुक्रवार को हत्याकांड के बाद जहां एक ओर प्रयागराज के स्वरूपरानी हॉस्पिटल स्थित पोस्टमार्टम हाउस के बाहर उमेश पाल के समर्थकों की भारी भीड़ जमा थी, तो वहीं इस घटना में बदमाशों की गोली से मरने वाले सिपाही का परिवार अकेले में खड़ा था. सरकारी गनर के पिता संतलाल निषाद और भाई प्रदीप निषाद के साथ चंद रिश्तेदार ही पीएम हाउस के बाहर मौजूद थे.
संदीप अपने 3 भाइयों में दूसरे नंबर पर थे. संदीप का परिवार पुलिस विभाग से मिलने वाले पैसे पर ही आश्रित था. संदीप निषाद के पिता पेशे से किसान हैं नौकरी से मिलने वाली सैलरी से सिपाही संदीप अपने परिवार का पालन पोषण किया करते थे. वे छोटे भाई को पढ़ा-लिखा भी रहे थे
अब संदीप निषाद के देहांत होने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. परिवार का सहारा बदमाशों के आतंक में छिन जाने से इलाके के लोग भी गमगीन हैं गनर संदीप निषाद की मृत्यु से दुख में डूबे पिता और भाइयों का कहना है कि हम लोग अब अपने बेटे संदीप को कभी भूल नहीं पाएंगे. वही हमारे परिवार की रोजी-रोटी का एक जरिया था. लिहाजा, जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यह मांग है कि हमारे परिवार को आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुक्रवार को हुए हत्याकांड में पेशे से वकील उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी जो जो 2005 के बहुचर्चित प्रयागराज के विधायक राजू पाल की हत्या कांड में मुख्य गवाह थे जिस हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त अतीक अहमद जेल में है और मामला अंडर कोर्ट ट्रायल पर चल रहा है बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके गनर संदीप निषाद की हत्या महज 44 सेकंड के भीतर कर दी गई थी. बेखौफ बदमाशों में एक बदमाश पहले से उमेश का पास की दुकान में इंतजार कर रहा था. उमेश पाल के गाड़ी से उतरते ही शूटर्स ने फायरिंग कर दी थी. सुरक्षा गार्ड संदीप निषाद ढाल बने तो उनको भी गोली मार दी गई
घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, गोली लगने के बाद भी उमेश पाल अपने घर की तरफ भागते हैं, लेकिन बदमाश पीछा करते हुए तंग गली में घुसकर फायरिंग करते हैं और बम फोड़ते हैं. वहीं, गोली लगने से कार के पास मूर्छित पड़े गनर संदीप निषाद भी गली में भागते हैं, जिनको निशाना बनाते हुए बदमाशों ने गली में बम मार दिया. फिर घायल अवस्था में संदीप, उमेश के घर के बाहर गिर पड़ते हैं
मृतक उमेश पाल की भतीजी ने अपनी पीड़ा को बयां करते हुए बताया कि गोली लगने के बाद जब चाचा भाग रहे थे, तो बदमाश उनको दौड़ाकर गोली मरते रहे. यह सब हमारी आंखों के सामने हुआ और हम चाचा को नहीं बचा पाए.
राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल ने हाल ही में बीजेपी जॉइन की थी. उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल, सिद्धार्थ नाथ सिंह से नजदीकी संबंध थे. उमेश पाल की हत्या के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है. अब परिवार को शिकायत है कि जो नेता उमेश पाल से मिलने के लिए रोज आते थे, वह दिखाई नहीं पड़ रहे. हालांकि, स्थानीय विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह रविवार को सांत्वना प्रकट करने पहुंचे.