लगातार 6 बार गुजरात विधान सभा मैं अपना परचम लहराने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए इस बार विधानसभा का चुनाव चुनौतीपूर्ण रहेगा औद्योगिक राज्य कहे जाने बाली गुजरात विधानसभा मैं 182 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान होना है पहला चरण 1 दिसंबर को और दूसरा चरण 5 दिसंबर को होगा जबकि परिणाम हिमाचल प्रदेश के चुनाव के साथ ही 8 दिसंबर को आएंगे आम आदमी पार्टी का बढ़ता हुआ विस्तार एवं कांग्रेस की सक्रियता तथा ओवैसी का दखल आखिर कितना भारतीय जनता पार्टी की सातवीं जीत में खलल पहुंचाएगा यह तो 8 दिसंबर को आने वाले प्रणाम ही तय करेंगे लेकिन जमीनी तौर पर यह बात साफ है कि अबकी बार भारतीय जनता पार्टी के लिए पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना आसान नहीं होगा
6 बार सत्ता में रहने के बाद स्थानीय नेताओं एवं उनकी मुद्दे एवं आम आदमी पार्टी की भड़ती सेंधमारी तथा ओवैसी के गुजरात चुनाव में कूदने के बाद मुस्लिम मतदाताओं का मुस्लिम प्रत्याशी एवं ओवैसी की पार्टी के प्रति प्रेम होना भाजपा के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है हालांकि यह बात तय है कि भाजपा ने अपना सीएम कैंडिडेट भूपेंद्र पटेल के रूप में घोषित कर दिया है एवं हार्दिक पटेल के भाजपा ज्वाइन करने के बाद पटेलों की नाराजगी को भाजपा ने दूर कर दिया है जिससे कि आरक्षण व अन्य मुद्दे फिलहाल चुनाव तक शांत होते नजर आ रहे हैं लेकिन दूसरी ओर आम आदमी पार्टी की भाजपा मतदाताओं पर सेंधमारी ने पार्टी की नींद उड़ा दी है आम आदमी पार्टी की रणनीति स्थानीय मुद्दों के आधार पर तथा प्रत्याशी चयन के आधार पर जहां एक और भाजपा के लिए कड़ी चुनौती साबित कर रहा है वही ओवैसी के मुस्लिम प्रत्याशियों ने मुस्लिम मतदाताओं को एक्सरे पर लाकर खड़ा कर दिया है जिससे कि भाजपा एवं चिर विरोधी कांग्रेस दोनों ही खेमो की बेचैनी बढ़ गई है आम आदमी पार्टी ने सीएम कैंडिडेट के रूप में ईश्दान गढ़वी को प्रत्याशी घोषित किया है 40 वर्षीय पत्रकार एवं एंकर के रूप में श्री गढ़वी को जाना जाता है जोकि स्थानीय मुद्दों एवं खेती से संबंधित अपने मुद्दों पर निष्पक्ष राय रखते हैं जो कि वनों की कटाई से संबंधित 150 करोड़ के घोटाले को सबके सामने लाए थे लेकिन गुजरात में पेपर लीक मामले में भी इनका
नाम आ चुका है
चुनावी सर्वे के मुताबिक 42% लोग बीजेपी के द्वारा काटे गए दिव्य चेहरों के टिकट पर संतुष्टि जाहिर कर रहे हैं वही 48 फ़ीसदी लोग इससे खुश नजर आते हैं
वही जातिगत आधार पर मतदाताओं ध्यान में रखा जाए तो 55 फ़ीसदी सवर्ण अभी भी भाजपा के पक्ष में जाती दिखाई दे रहे हैं जबकि कांग्रेस 23 फ़ीसदी और आप पार्टी के साथ केवल 17 फ़ीसदी सवर्ण मतदाता जाते दिखाई दे रहे हैं मुस्लिम मतदाताओं पर कांग्रेस ने बड़ा हाथ मारा है लगभग 40 फ़ीसदी मुसलमान कांग्रेस के साथ नजर आ रहे हैं वही 37 फ़ीसदी मुस्लिम प्रत्याशी आम आदमी पार्टी एवं ओवैसी के साथ जाते दिख रहे हैं जबकि ओबीसी वोटरों ने भाजपा पर अभी भी अपना सबसे बड़ा विश्वास जताया है सर्वे की मानें तो राज्य में 53 फ़ीसदी ओबीसी की पहली पसंद बीजेपी बनी हुई है जबकि 24 फ़ीसदी ने कांग्रेश पर भरोसा जताया है आपकी सेंधमारी ने 17 फ़ीसदी ओबीसी वोट पार्टी की झोली में डाले हैं खास बात यह है कि गुजरात मैं महिलाओं सहित राज्य के नए वोटरों यानी कि युवाओं का 42% विश्वास भाजपा पर है