हम अपने जीवन में कुछ करना चाहते हैं तो जिस चीज की सबसे पहले जरूरत है, वह है दृढ संकल्प. यदि हम संकल्प कर लें तो दुनिया की कोई बाधा लक्ष्य तक पहुंचने से नहीं रोक सकती
इसका अच्छा उदाहरण आईएएस अभिलाषा शर्मा हैं. उन्होंने काफी संघर्ष किया लेकिन अंतत: वह आईएएस बनने में कामयाब रहीं. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान अपने संघर्ष की दास्तान सुनाई थी. उन्होंने विफलताओं से उपजी नकारात्मकताओं का सामना करते हुए कामबयाबी की इबारत लिखी
हरियाणा में जन्म आईएएस अभिलाषा शर्मा इस वक्त गुरुग्राम में रहती हैं. उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी 2013 में शुरू की थी. उन्हें पहले तीन प्रयास में लगातार असफलता हाथ लगी. जिससे उन्हें हताशा और निराशा भी हुई. लेकिन उन्होंने नए सिरे से तैयारी शुरू की. वह 15-16 घंटे पढ़ने लगीं. उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में पॉलिटिकल साइंस एंड इंटरनेशनल रिलेशन रखा था
Qपति का मिला सहयोग
अभिलाषा शर्मा की शादी 2017 में हो गई थी. उनके पति अंकित एक बिजनेसमैन हैं. दोनों एक दूसरे को 2015 से जानते थे. धीरे धीरे यह पहचान प्यार और शादी में बदल गई. उनके पति और ससुराल के लोगों ने भी मानसिक और आर्थिक रूप से काफी सहयोग किया.
पति का मिला सहयोग
अभिलाषा शर्मा की शादी 2017 में हो गई थी. उनके पति अंकित एक बिजनेसमैन हैं. दोनों एक दूसरे को 2015 से जानते थे. धीरे धीरे यह पहचान प्यार और शादी में बदल गई. उनके पति और ससुराल के लोगों ने भी मानसिक और आर्थिक रूप से काफी सहयोग किया.
अभिलाषा शर्मा ने चौथे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की. उनकी ऑल इंडिया 68वीं रैंक थी. उन्होंने अपने पहले तीन प्रयास में मिली असफलताओं से सीख ली और अपनी कमियों पर काम की. उन्होंने बताया कि करंट अफेयर्स की तैयारी के लिए अखबार पढ़ना दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं. बेसिक्स क्लीयर करने के लिए एनसीईआरटी की किताबें पढ़ें. उन्होंने बताया कि वह एप्टीट्यूड टेस्ट में कमजोर थीं. इस पर उन्होंने काम किया.
चौथे प्रयास में कैसे पाई सफलता
अभिलाषा शर्मा ने चौथे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की. उनकी ऑल इंडिया 68वीं रैंक थी. उन्होंने अपने पहले तीन प्रयास में मिली असफलताओं से सीख ली और अपनी कमियों पर काम की. उन्होंने बताया कि करंट अफेयर्स की तैयारी के लिए अखबार पढ़ना दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं. बेसिक्स क्लीयर करने के लिए एनसीईआरटी की किताबें पढ़ें. उन्होंने बताया कि वह एप्टीट्यूड टेस्ट में कमजोर थीं. इस पर उन्होंने काम किया.