कर्नाटक हाईकर्ट की किनागी खंडपीठ ने बेंगलुरु की सड़कों पर हुए गड्ढों को भरने में निगम अधिकारियों की लापरवाही को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एवं फैसला दिया है कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि सड़कों पर गड्ढों के कारण यदि कोई दुर्घटना होती है तो पीड़ित व्यक्ति पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है ऐसे मामलों में पुलिस को तकनीकी पहलुओं की आड़ में नहीं छोड़ना चाहिए उसे एफ आई आर दर्ज कर मामले की जांच करनी चाहिए
इस समस्या पर ध्यान देते हुए सड़क निर्माण के समय जिम्मेदार लोगों की तरफ कर्नाटक हाईकोर्ट का ध्यान तब गया जब वह एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी बरले तथा न्यायाधीश अशोक दास की खंडपीठ ने प्रतिवादी के रूप में गृह विभाग को शामिल करने को कहा है साथ ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से कहा है कि वह बेंगलुरु महानगर पालिका द्वारा भरे गए गड्ढों का सर्वेक्षण कर 8 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करें मामले की सुनवाई 6 फरवरी को होगी सड़क के गड्ढों पर हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए कहां है कि गड्ढों के कारण दुर्घटनाओं में चोट लगने या मौत होने की जब भी शिकायत मिले तो पुलिस अधिकारी तुरंत प्राथमिकी दर्ज करें और उसकी यथासंभव जांच करें सड़क दुर्घटना से हुए जानमाल के नुकसान को अब परिजन सड़क निर्माण में शामिल लोगों को भी कानून प्रतिवादी बना सकते हैं बहुत समय पहले की बात नहीं है जब इसी प्रकार की एक दुर्घटना में उद्योगपति साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में मौत हो गई थी इस मामले में गाड़ी चला रही स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनाहिता पंडोले के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था