पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक हिंदू महिला की सिर काटकर हत्या करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दायर कर लिया है. महिला के परिजनों ने कहा है कि उनकी किसी से साथ कोई दुश्मनी नहीं है
ये घटना सेंट्रल सिंध के संघार ज़िले के सिंझोरो इलाक़े में हुई है. सिंझोरो कराची से करीब 250 किलोमीटर दूर है. 40 साल की दया भील विधवा थीं. उनके पुत्र सुमेर चंद भील ने बताया कि परिवार खेती-बाड़ी करता है भारत ने भी इस हत्या पर पाकिस्तान से सवाल किए हैं भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों के प्रति जिम्मेदारी निभाने को कहा है यह घटना सिंध प्रांत के सिंझोरो शहर की है। महिला का नाम दया भील है। हत्या की जानकारी, हिंदू समुदाय से पाकिस्तान की पहली महिला सांसद कृष्णा कुमारी ने सोशल मीडिया पर दी। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
सीनेटर कृष्णा कुमारी ने ट्वीट में कहा – दया भील 40 साल की विधवा थी। उसके 4 बच्चे हैं। दया की बेरहमी से हत्या कर दी गई। शव बहुत खराब हालत में मिला। स्वास्थ्य विभाग की एक महिला डॉक्टर के मुताबिक़, उनके यहां दया भील का सिर और धड़ अलग-अलग लाए गए थे. साथ ही उनके नाक और कान भी काट दिए गए थे. पुलिस को अब तक ये अंग नहीं मिले हैं नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर महिला डॉक्टर ने कहा कि महिला के सिर पर गहरी चोट के निशान थे जो किसी तेज़ हथियार के वार से लगे होंगे
स्वास्थ्य विभाग ने मृत्यु का सही कारण जानने के लिए शव का केमिकल एनालिसिस किया है जिसके नतीजे अभी तक नहीं आए हैं पुलिस ने अज्ञात लोगों पर दया भील की हत्या का एक केस दर्ज मामले की गहन जांच शुरू कर दी है. केस में आंतकवाद वाली धाराएं भी लगाई गई हैं.
सिंध में मानवाधिकार मंत्रालय के सलाहकार सुरेंदर वालासाई ने कहा कि उन्होंने पुलिस से जल्द तफ़्तीश करने को कहा है. उन्होने उम्मीद जताई है कि तुरंत हत्या करने वाले लोग पकड़े जाएंगे और फिर नृशंस हत्या करने की वजह साफ़ हो पाएगी.
पुलिस ने जांच के लिए विशेष दल का गठन किया है. इसी दल के एक सदस्य इंस्पेक्टर इशाक़ संगार्सी ने कहा कि शव तो सरसों के खेत से मिला है पर उन्हें वहां किसी के कदमों के निशान नहीं दिखे हैं भारतीय विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन अरिंदम बागची ने कहा- इस मामले की हमारे पास फिलहाल कोई स्पेसिफिक जानकारी नहीं है। ये पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वो अपने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करें।