उत्तर प्रदेश में परिवारिक सदस्यों के बीच अचल संपत्ति का हस्तांतरण केवल 5000 के स्टांप शुल्क पर– अभी जारी रहेगा यह आदेश
लखनऊ 1 अगस्त आज संपादित हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में योगी सरकार का महत्वपूर्ण फैसला “परिवारिक सदस्यों के बीच अचल संपत्ति का हस्तांतरण 5000 के स्टांप शुल्क पर किया जा सकेगा ” अग्रिम आदेश तक प्रदेश भर में योगी सरकार का यह फैसला अभी लागू रहेगा जिसके तहत परिवार के सभी सदस्य एक दूसरे को अपनी संपत्ति केवल 5000 के स्टांप शुल्क के माध्यम से हस्तांतरित कर सकेंगे यह एक अहम फैसला है
योगी मंत्रिमंडल की कैबिनेट मीटिंग के फैसले की अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य में परिवार के सदस्यों के मध्य निष्पादित अचल सम्पत्ति के दान विलेख पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क में छूट दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य में परिवार के सदस्यों पुत्र, पुत्री, पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्रवधु (पुत्र की पत्नी), सगा भाई (सगे भाई के मृतक होने की दशा में उसकी पत्नी), सगी बहन, दामाद (पुत्री का पति), पुत्र/पुत्री के पुत्र/पुत्री के मध्य निष्पादित अचल सम्पत्ति के दान विलेख पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क की अधिकतम सीमा 5,000 रुपये निर्धारित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया है।
प्रस्ताव के अनुसार यह छूट अग्रिम आदेशों तक के लिए दी जाएगी। बाद में राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव एवं निबन्धित होने वाले विलेखों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन कर इस छूट को निरन्तर किया जा सकता है।
भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1-ख के अनुच्छेद 33 के प्राविधानों के अधीन उत्तर प्रदेश राज्य में दान विलेखों पर सम्पत्ति के मूल्य पर हस्तान्तरण पत्र की भांति स्टाम्प शुल्क प्रभार्य है। रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 की धारा-17 के प्राविधानों के अधीन अचल सम्पत्ति के दान विलेख का रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य है। भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा-9(1)(क) के प्राविधानों के अधीन राज्य सरकार को पारिवारिक सदस्यों के मध्य निष्पादित होने वाले इस प्रकार के विलेखों पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क में छूट प्रदान करने का अधिकार प्राप्त है।
देश के प्रमुख राज्यों यथा महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश आदि में पारिवारिक सदस्यों के मध्य निष्पादित अचल सम्पत्ति के दान विलेखों पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क में छूट प्रदान की गयी है। प्रस्तावित छूट प्रदान किये जाने से देश के अन्य राज्यों की भांति प्रदेश में भी पारिवारिक सदस्यों के मध्य निष्पादित दान विलेखों के माध्यम से अचल सम्पत्ति का अन्तरण सहज हो सकेगा, जिससे जनसामान्य को लाभ प्राप्त होगा