कॉरपोरेट एवं मल्टीनेशनल ऑफिस में अंग्रेजी कल्चर आम है लेकिन धीरे-धीरे ये सरकारी विभागों में भी जगह बनाने लगा है. ऐसे में हिंदी बोलने वालों के लिए काम करना मुश्किल होता जा रहा है. ऐसा ही कुछ हाल में एक अदालत में हुआ जब एक वकील ने अंग्रेजी में याचिका दायर करने से इंकार कर दिया और जज से साथ उनकी बहस हो गई
सामने आए कोर्ट के इस वीडियो में जज अंग्रेजी में कहते हैं कि – आपने फिर हिंदी में दायर किया है. मुझे हिंदी समझ नहीं आती. इसपर वकील कहते हैं- यही तो रोना है हुजूर कि मुझे भी अंग्रेजी समझ नहीं आ रही थी. जज ने जवाब दिया- मैं आपकी याचिका रिजेक्ट कर दूंगा. वकील ने कहा- सर रिजेक्ट तो फुल बेंच है. पूरी बेंच हिंदी के पक्ष में है
वकील साहब का #हिंदी_प्रेम आपका दिल जीत लेगी, छा गए वकील साहब ☺️😄@DrKumarVishwas pic.twitter.com/1o6KwqlTqV
— Shalini kumawat ( हिन्द की नारी ) (@ShaliniKumawat0) April 25, 2023
जज ने इसपर कहा- आपका केस खत्म हो चुका है, मैंने अगला केस बुला लिया है. वकील कहते हैं- हुजूर नियम यह है कि सुनकर आगे बढ़ा जाए. बिना सुने आगे बढ़ने के नियम नहीं है. आज भी पटना हाईकोर्ट में सब न्यायमूर्ती सुन रहे हैं. अब हुजूर कह रहे हैं कि अनुवाद दीजिए. अनुवादक विभाग यहां आजादी के पहले से है. उनको जो तंख्वाह मिलती है उसमें हमारा और हमारे मुवक्किल का हिस्सा है. उनसे अनुवाद मांगने में हुजूर का क्या जाता है. मैं न्यायसंगत बात बोल रहा हूं. हम अंग्रेजी अनुवाद नहीं जानते और हुजूर हमसे अंग्रेजी अनुवाद मांग रहे हैं. एक डिवीजन बेंच का हम ऑर्डर दिखा रहे हैं उसको विचार में लेकर आदेश पारित कर दिया जाए
जज के सामने बिना घबराए हिंदी को लेकर अपनी बात रखने वाले वकील का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. लोग वकील की खूब तारीफ कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा – जब हम भारत में रहते हैं तो हिंदी के साथ रहना क्यों नहीं चाहते. एक अन्य ने लिखा- वकील साहब ने दिल जीत लिया, आखिर हिंदी में बुराई क्या है जो हम इस कदर इंग्लिश कल्चर में ढल गए हैं. बता दें कि हिंदी और अंग्रेजी की डिबेट पुरानी है और सोशल मीडिया पर अक्सर इसको लेकर लोग भिड़ जाते हैं