उ0प्र0 शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक, 2023 के तहत अब एक ही आयोग करेगा सभी प्रकार के शिक्षकों की नियुक्ति योगी सरकार का अहम फैसला
लखनऊ 1 अगस्त उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक, 2023 के प्रारूप को अनुमोदित कर दिया है। प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन से उच्च शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, व्यावसायिक शिक्षा विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग तथा श्रम विभाग के शिक्षकों के चयन की कार्यवाही नियमित, त्वरित, पारदर्शी एवं समयबद्ध रूप से सुनिश्चित हो सकेगी।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक विभागों द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षण/प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए संगत अधिनियमों/नियमावलियों परिनियमों के अधीन संचालित शिक्षण प्रशिक्षण संस्थाओं के अध्यापकों और अनुदेशकों के चयन के लिए अलग-अलग चयन संस्थायें और पद्धतियां हैं।
यथा-राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 द्वारा शासित किसी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध या सहयुक्त अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के अध्यापकों का चयन करने के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग स्थापित है। राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 द्वारा शासित किसी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक महाविद्यालयों के अध्यापकों का चयन प्रबन्धतंत्र के माध्यम से करने की व्यवस्था है।
इसी प्रकार इण्टरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 के अधीन अशासकीय सहायता प्राप्त इण्टरमीडिएट कॉलेजों, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों, हाईस्कूलों तथा सम्बद्ध प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों का चयन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से किया जा रहा है। इण्टरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 के अधीन अशासकीय सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक इण्टरमीडिएट कॉलेजों या अल्पसंख्यक उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों या अल्पसंख्यक हाईस्कूलों या उनसे सम्बद्ध अल्पसंख्यक प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों का चयन प्रबन्धतंत्र के माध्यम से किया जा रहा है।
बेसिक तथा जूनियर हाईस्कूलों के अध्यापकों का चयन, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम, 1972 के अधीन बनायी गयी नियमावली के अनुसार परीक्षा नियामक प्राधिकारी के माध्यम से किया जा रहा है। श्रम विभाग के अधीन बनायी गयी अटल आवासीय विद्यालय समिति द्वारा अटल आवासीय विद्यालयों के अध्यापकों का चयन किया जा रहा है। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अधीन संचालित सर्टिफिकेट स्तरीय राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के अनुदेशकों का चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा किया जा रहा है।
संस्था स्तर की चयन समिति/चयन बोर्ड/चयन आयोग के माध्यम से अलग-अलग प्रकार की चयन की पद्धतियों को लोक कल्याण के अनुकूल पारदर्शी और समरूप बनाकर योग्य अध्यापकों एवं अनुदेशकों का चयन कर उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने हेतु एक समेकित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की स्थापना का उपबन्ध करने के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक-2023 को पारित कराये जाने का प्रस्ताव है।
एक ही आयोग ले सकेगा सभी प्रकार के निर्णय
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग एक निगमित निकाय होगा। इसका मुख्यालय प्रयागराज में होगा। इस आयोग के प्रभावी हो जाने पर उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड विघटित हो जाएंगे। विधेयक के प्रख्यापित होने के उपरान्त उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम-1980, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम-1982 एवं उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक-2019 (अप्रवृत्त) निरसित हो जाएंगे।
आयोग का स्वरूप
आयोग में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त 01 अध्यक्ष और 12 सदस्य होंगे। अध्यक्ष और सदस्य, पद ग्रहण करने के दिनांक से 03 वर्ष की अवधि तक के लिए अथवा 65 वर्ष की आयु प्राप्त होने तक, जो भी पहले हो, पद धारण करेंगे। कोई व्यक्ति दो निरन्तर पदावधियों से अधिक के लिए अध्यक्ष या किसी सदस्य का पद धारण नहीं करेगा। प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का व्यय-भार, सरकार द्वारा दिये जाने वाले अनुदान से और आयोग की अपनी प्राप्तियों से वहन किया जाएगा।