December 3, 2024 |

BREAKING NEWS

बेमौसम बारिश एवं प्रकृति में हो रह सूक्ष्म बदलाव कहीं मानव के अस्तित्व पर खतरा तो नहीं

Media With You

Listen to this article

नई दिल्ली. देश की राजधानी एवं आसपास के प्रदेशों में हो रही बेमौसम बारिश ने जहां कृषि फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया वहीं लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में भी इजाफा हुआ है भारतीय मौसम में लगातार आ रहे बदलाव की वजह से हिमालय बहुत तेजी से पिघल रहा है. स्टेट ऑफ इनवायरमेंट (SoE) ने रिपोर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि लगातार बारिश में आई कमी और हर साल बर्फबारी में देरी हो रही है जिसकी वजह हिमालय ग्लोबल एवरेज की तुलना में बहुत तेजी से गर्म हो रहा है

भारत में हिमालय की वजह से कई लोगों को जल की आपूर्ति होती है साथ ही कई लोग इससे निकलने वाले नदियों पर अपने रोजगार के लिए आर्श्रित हैं. डेटा के मुताबिक हिमालय भारत की करीब 40% जनसंख्या के लिए हिमालय के ग्लेशियर के पिघलने से निकलने वाली नदियां जल आपूर्ति करती हैं. जिसमें इंडस नदी, गंगा नदी और ब्रह्मपुत्र नदी और इनकी अन्य सहायक नदियां शामिल हैं. इतना ही नहीं ये नदियां भारत की करीब 21 करोड़ आबादी को रोजगार के अवसर प्रदान करती हैं

बढ़ती ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से जो खतरा हम सभी के करीब बढ़ रहा है हम उसकी कल्पना कर सकते हैं. गुरुवार को एसओई की रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें हिमालय चेप्टर के राइटर राजू सजवान और अक्षित संगोमला ने कहा है कि तापमान बढ़ने से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. जिसकी वजह से इससे प्रभावित इलाकों में लोगों के पानी के सोर्स और रोजगार के अवसरों पर गहरा असर पड़ेगा. भारत मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 1 मार्च से 22 मार्च के बीच जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में औसत बारिश में भारी गिरावट देखने को मिली है

मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ सोनम लोटस ने जानकारी देते हुए बताया है कि लद्दाख में फरवरी माह में औसत से कम बर्फबारी हुई है वही वहीं मार्च में कुछ जगहों पर बर्फबारी देखी गई लेकिन कुल मिलाकर सर्दियों में बारिश में भारी कमी देखी गई है. डॉ. सोनम ने बताया कि सिर्फ कारगिल और जन्सकर रीजन में ही अच्छी बर्फबारी इस साल देखने को मिली है. वाइल्ड लाइफ कंजरवेशनलिस्ट कर्मा सोनम इस आंकड़ों को देखकर बहुत हैरान नहीं हैं

वह कहते हैं कि, जब वह जवान था, उस वक्त बहुत ज्यादा बर्फबारी हुआ करती थी जो कि दिसंबर से शुरू होकर स्प्रिंग तक चलती थी. इस दौरान बर्फ करीब 3-4 फीट तक ऊंचाई तक गिरती थी. पिछले कुछ सालों में बर्फबारी में लगातार गिरावट आ रही है. कर्मा ने आगे कहा कि इस साल हमने जनवरी, फरवरी और मार्च में भी बहुत कम बर्फबारी देखने को मिली है

भारत में करीब 2500 किलोमीटर तक हिमालय फैला हुआ है जो कि जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश तक है. हिमालय दुनिया में दो ध्रुवों के बाद सबसे ज्यादा बर्फ का भंडार समेटे हुए हैं. 2019 में, इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) ने हिंदुकुश हिमालय पर एक ऐतिहासिक रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि ग्लोबल तापमान पूर्व औद्योगिक युग (1850 से 1900) की तुलना में 1.5 डिग्री अधिक तापमान बढ़ रहा है, जो कि हिंदु कुश हिमालय के लिए बहुत गर्म साबित होने वाला है. यह 2 डिग्री तक तापमान में वृद्धि दिखाएगा. इससे ग्लेशियर्स पर काफी असर पड़ेगा, साथ ही इससे निकलने वाली नदियों और लोगों को इससे मिलने वाले रोजगार पर भी प्रभाव पड़ेगा


Media With You

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Leave A Reply

Your email address will not be published.