भारतीय रिजर्व बैंक ने दो हजार के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर कर दिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले को देश के पूर्व आर्थिक सलाहकार डॉक्टर कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यन ने सही करार दिया है।
सुब्रमण्यन ने कहा कि ज्यादातर छापेमारी में 2000 के नोट बरामद किए गए हैं, क्योंकि इन नोटों का इस्तेमाल जमाखोरी के लिए किया जा रहा था। डॉ कृष्णमूर्ति 2018 से 2021 तक मुख्य आर्थिक सलाहकार थे। उन्होंने कहा कि दो हजार के नोटों को वापस लेने का कदम कुल मिलाकर एक अच्छा कदम है। उन्होंने छह कारण बताए कि क्यों यह कदम महत्वपूर्ण है।
RBI's decision to withdraw ₹2000 notes is important because:
(1) The move will help to ferret out a substantive part of the ₹3.6 lakh crores of Currency In Circulation (CiC) in ₹2000 notes currently (refer to the circular below, esp. the highlighted portion). As we have seen… pic.twitter.com/B4uNGCSlkr— Dr. Krishnamurthy Subramanian (@SubramanianKri) May 19, 2023
1. कई जगह छापेमारी में दो हजार के नोट मिले। जिससे साबित होता है कि करेंसी का इस्तेमाल मुख्य रूप से धन की जमाखोरी के लिए किया जा रहा था। 80 फीसदी लोग जो वैध रूप से इस करेंसी को रख रहे हैं, उनके पास सिर्फ 20 फीसदी जमा है। वहीं 20 फीसदी जमाखोरों के पास दो हजार जमा नोटों का 80 फीसदी होने की संभावना है।
2. इस कदम से आम लोगों को असुविधा नहीं होगी, क्योंकि आर्थिक लेनदेन के लिए बड़ी संख्या में दो हजार के नोटों का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
3. फिजिकल करेंसी के रूप में नोटों विशेष रूप से दो हजार के नोटों की भूमिका में गिरावट आई है, क्योंकि बड़ी संख्या में डिजिटल भुगतान का उपयोग किया जा रहा है।
4. दो हजार रुपए के नोट की जगह 500 के नोट का इस्तेमाल विनिमय के माध्यम के रूप में किया जा सकता है।
5. डिजिटल लेनदेन अब से 2026 तक 3 गुना बढ़ने की उम्मीद है। जिससे आने वाले वर्षों में विनिमय के माध्यम के रूप में 2 हजार के नोट की आवश्यकता और भी कम हो जाएगी।
6. सबसे महत्वपूर्ण बात जैसा कि आरबीआई ने कहा है कि 2000 का नोट वैध मुद्रा बना रहेगा। दो हजार के नोट रखने वाले इसे जमा या बदल सकते हैं। अभी जमा करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है। इसे बढ़ाया भी जा सकता है।