मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट का एतराज
वर्णवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस
एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति में जल्दबाजी और नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए
- हैं सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल एजी से पूछा कि नियुक्ति 1 दिन में की गई है यह जल्दबाजी दर्शाती है चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में इतनी तत्परता क्यों हम जानना चाहते हैं नियुक्ति की प्रक्रिया और आधार क्या थी कानून मंत्री ने चार नामों को किस आधार पर तय किया हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया कि यह किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है मैं केवल प्रक्रिया जानना चाहता हूं सरकार इसे प्रतिकूल मुकदमेंे बाजी की तरह से ना ले
- सरकार की तरफ से पेश होते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने नियुक्ति को सही बताते हुए अनुरोध किया है कि कोर्ट नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया को देखने से पहले टीका टिप्पणी ना करें उन्हों7ने कहा है कि सभी चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति त्वरित प्रक्रिया से ही की जाती है आमतौर पर प्रक्रिया 3 दिन से अधिक नहीं चलती मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया है मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चुनाव आयुक्त की प्रक्रिया से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पांच सदस्यों की संवैधानिक पीठ मैं जस्टिस केएम जोसेफ जस्टिस ऋषिकेश अनिरुद्ध बोस जस्टिस अजय रस्तोगी सहित जस्टिस सिटी रवि कुमार शामिल थ
- सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से संबंधित फाइल को कोर्ट में पेश करने को कहा है जिस पर अटॉर्नी जनरलने गुरुवार को कोर्ट में फाइल पेश करते हुए कहा है कि कई नियुक्तियां 24 घंटे या 12 घंटे के भीतर हुई है कोई ट्रिगर बिंदु नहीं है एक प्रक्रिया है जिसे अपनाया गया है उनकी नियुक्ति से संबंधित पूरे मामले को समग्रता से देखने की जरूरत है चयन प्रक्रिया में व्यक्त की सेवा में अनुभव उसके पास कार्यकाल के लिए बचे समय आज सभी चीजों को संपूर्णता में देखते हुए किया जाता है एवं बैच की वरिष्ठता एवं क्रम के अनुसार प्रक्रिया होती है
- याचिका में कहा गया था की मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए जो कॉलेजियम बने उसमें भारत के प्रधानमंत्री लोकसभा में नेता विपक्ष और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शामिल हो जिसकी सुनवाई करते हुए जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा है कि 15 मई को चुनाव आयुक्त का पद रिक्त हुआ था और 18 नवंबर को नियुक्त की गई आप बताइए कि 15 मई से 18 नवंबर के बीच नियुक्त के लिए क्या प्रक्रिया की गई संवैधानिक पीठ ने सीईसी और इसी के 6 साल के कार्यकाल के पूर्णा ना होने को भी लेकर सवाल खड़े किए उन्होंने कहा सी सी आई सी दोनों का कार्यकाल 6 वर्ष का होगा यह नियम है और इसका पालन किया जाना चाहिए जबकि उनके 6 साल के कार्यकाल से पहले नियुक्त किया जाना नियम और कानून का उल्लंघन है उन्होंने आगे कहा है कि कई बार नियुक्ति को लेकर जल्दी होती है लेकिन जब मामला यहां लंबित है तब भी यह नियुक्ति की गई है चयनित अरुण गोयल गणित में गोल्ड मेडलिस्ट है और उनका एकेडमिक रिकॉर्ड भी बहुत अच्छा है लेकिन क्या यह चैन का आधार हो सकता है